विभिन्न मांगों को लेकर नौजवान छात्र संगठन करेंगे बिहार बंद, कहा- रोजगार के लिए लाठी और आंसू गैस के गोले खाने पड़ रहे

पटना। एनटीपीसी-आरआरबी रिजल्ट में बड़े पैमाने पर हुए धांधली की जांच करो, अभ्यर्थियों का कटआॅफ के साथ रिजल्ट फिर से प्रकाशित करो, ग्रुप डी में दो परीक्षा पीटी और मेंस का तुगलकी फरमान वापस लो, रेलवे के किये जा रहे निजीकरण पर रोक लगाओ सहित विभिन्न सवालों को लेकर शुक्रवार को नौजवान छात्र संगठनों ने संयुक्त रूप से बिहार को बंद करेगा। उपरोक्त बातों की जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआईएसएफ के राज्य अध्यक्ष अमीन हमजा, एआईवाईएफ के राष्ट्रीय सचिव रौशन कुमार सिन्हा, जनवादी नौजवान सभा के राज्य अध्यक्ष मनोज कुमार चंद्रवंशी, एसएफआई के राज्य कमिटी सदस्य कुमार निशांत ने दी। इस दौरान पुस्पेंद्र शुक्ला, तौसीक आलम, अमन कुमार मौजूद थे।
उक्त नेताओं ने कहा कि सरकार ने 2 करोड़ रोजगार का वादा किया था मगर आज प्रतियोगी परीक्षा देने के बावजूद उन्हें रोजगार के लिए लाठी और आंसू गैस के गोले खाना पड़ रहा है, इस परिस्थिति में अभ्यर्थियों और छात्रों का आंदोलन लाजमी है।
जानकारी हो कि पिछले दिनों एक ही अभ्यर्थी को तीन पद के लिए चयनित करके रेलवे अभ्यर्थियों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया। 7 से 7.5 लाख पदों के लिए 2 से 2.5 लाख अभ्यर्थियों को ही चयनित कर लिया गया, जबकि एक अभ्यर्थी एक ही पद पर नौकरी करेगा, बाकी का लाखों पद रिक्त रह जायेगा और लाखों अभ्यर्थी भी बेरोजगार ही रह जाएंगे।
इन सवालों को लेकर रेलवे ग्रुप डी और एनटीपीसी के छात्र राजेंद्रनगर टर्मिनल और आरा सहित अन्य जगहों के रेलवे ट्रैक को जाम कर प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन उनकी मांगों को सुनने के बजाय उन पर बर्बरतापूर्वक पुलिसिय लाठीचार्ज कर दिया, जिसके खिलाफ छात्र-नौजवान संगठनों ने बिहार बंद का ऐलान है।
