BIHAR : कोरोना महामारी के जंग में ट्रिपल आईटी की राष्ट्रीय स्तर पर होगी महती भूमिका
भागलपुर। भारतीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अरविंद चौबे, संस्थान के सहायक वैज्ञानिक डॉ. संदीप राज एवं आलसॉल टेक्नोलॉजी के निदेशक सह भाजयुमो के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं भागलपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी अर्जित शाश्वत चौबे के संयुक्त कोशिश से तैयार सॉफ्टवेयर कोरोना महामारी से जंग लड़ने में महत्ती भूमिका निभाते हुए राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान स्थापित करेगा। इस सॉफ्टवेयर के निर्माण पर मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एवं केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने शोधकर्ताओं को बधाई दी है। वे इस सॉफ्टवेयर के वेलिडेशन एवं सर्टिफिकेशन के लिए भी खुद प्रयासरत हैं।
अर्जित चौबे ने कहा कि भागलपुर ट्रिपल आईटी द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से बनाया गया साफ्ट्वेयर और हैंड हेल्ड डिवाइस एक से पांच सेकंड के अंदर डिजिटल एक्सरे या सिटी स्कैन को कंप्यूटर टर्मिनल में फिड करते ही यह बता देगा की मरीज कोविड-19 पॉजिटिव है या नेगेटिव या फिर व निमोनिया या टीबी से पीड़ित है। देश का यह पहला शोध है, जो सॉफ्टवेयर द्वारा कम खर्च और कम समय में कोविड-19 डिटेक्शन में सफल हुआ है। इसके अप्रूवल एवं वेलिडेशन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्रालय एवं र्सिटफिकेशन के लिए केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय को भेजा गया है। अर्जित ने बताया कि प्रारंभिक शोध में उनके द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से टेक्निकल सपोर्ट देने की बात कही गयी थी, चूंकि उनका शोध आर्टिफिसिएल इंटेलीजेंस में ही था और उनकी कंपनी आलसोल टेक्नोलॉजी इस विषय पर भी वर्षों से कार्य कर रही है।
अभी टूनेट मशीन में किया जाता है कोविड-19 की जांच
अर्जित ने बताया कि अभी देश में कोविड जांच ट्रूनेट मशीन में किया जा रहा है। जांच के बाद आरटीपीसीआर में पुन: कन्फर्मेशन किया जाता है। इस जांच प्रक्रिया में दो से तीन दिन का समय भी लगता है। इसमें मरीजों का 2500-3000 रुपये खर्च हो जाते हैं। इसमें 30-35 प्रतिशत की अशुद्धियां भी रहती है। उन्होंने कहा कि जब तक कोविड जांच पॉजिटिव आता है तब तक मरीज अपना इंफेक्शन कई लोगों को दे चुका होता है और कई बार जांच में ये पता नहीं चलता है कि मरीज निगेटिव है या पॉजिटिव।
कोरोना सॉफ्टवेयर का रिजल्ट 95 फीसद से अधिक सही
ट्रिपल आइटी द्वारा विकसित नवीन सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल एक्स-रे लेते ही टर्मिनल पर कोविड पॉजिटिव, नेगेटिव देखा जा सकता है। इसका रिजल्ट 95 फीसद से अधिक सही है। यह सॉफ्टवेयर निमोनिया और टीबी का भी रिजल्ट तुरंत बता देता है। इसमें कम समय और अधिकतम एक सौ से पांच रुपये तक खर्च आता है। अर्जित ने बताया कि इस शोध को सप्ताह भर में फाइनल एप्रूवल स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रदान कर दिया जाएगा। फिर देश भर में इस तकनीक को लागू किया जा सकेगा।


