BIHAR : अनुच्छेद 370 हटाने के उपरांत कश्मीर की वर्तमान स्थिति विषय पर विचार मंथन

पटना/मुजफ्फरपुर/समस्तीपुर। अनुच्छेद 370 रद्द होने पर पूरे देश के हिन्दुओं में आशा जगी। वर्ष 1990 में कश्मीरी हिन्दुओं के किए गए वंशविच्छेद के समान आज भी ऐसा हो रहा है। ऐसे में हिन्दुओं का पुनर्वास कैसे होगा? यह रोकने हेतु केंद्रशासन कानून बनाकर सर्वप्रथम यह स्वीकार करे कि कश्मीर में हिन्दुओं का वंशविच्छेद हुआ है। इस विषय में उन्होंने पनून कश्मीर अत्याचार एवं नरसंहार निर्मूलन विधेयक 2020, यह निजी विधेयक बनाया है। यह विधेयक पारित करने हेतु सभी सांसदों तथा प्रधानमंत्री को भेजा है। यह आह्वान यूथ फॉर पनून कश्मीर के राष्ट्रीय संयोजक राहुल कौल ने किया है। वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित आनलाइन नवम् अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में अनुच्छेद 370 हटाने के उपरांत कश्मीर की वर्तमान स्थिति विषय पर बोल रहे थे।
वहीं अखिल भारतवर्षीय धर्मसंघ तथा स्वामी करपात्री फाउंडेशन के प.पू. डॉ. गुणप्रकाश चैतन्य जी महाराज ने आह्वान करते हुए कहा, आज पाश्चात्य संस्कृति का हो रहा अंधानुकरण हमें भोग की ओर ले जा रहा है। वह हमें भगवान की प्राप्ति नहीं करा सकता। इसके लिए सनातन शास्त्र की आवश्यकता है। गोमाता, वर्णव्यवस्था तथा संस्कृति की रक्षा हेतु सभी संत एकजुट हों। राष्ट्रीय इतिहास संशोधन एवं तुलनात्मक अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष नीरज अत्री ने कहा, आज सत्य हिन्दुओं के पक्ष में है, तब भी हिन्दू आलस्य एवं तामसिकता के कारण पीछे रह गए हैं। इसके विपरीत ईसाई तथा अन्य पंथीय एवं कम्युनिस्ट, उनकी विचारधारा असत्य होते हुए भी उसका जोरदार प्रचार कर रहे हैं। इसी प्रकार हमें भी सत्य का जोरदार प्रचार करना चाहिए।
पूर्व एवं पूर्वोत्तर भारत में हिन्दुओं का बढ़ता धर्मांतरण तथा उसके उपाय विशेष परिसंवाद में त्रिपुरा स्थित शांती काली आश्रम के पू. स्वामी चित्तरंजन महाराज जी ने बताया कि हिन्दुओं का धर्मांतरण रोकने हेतु वे अधिकाधिक शिक्षा संस्थाएं आरंभ करने हेतु प्रयत्नशील हैं, वहीं बंगाल की शास्त्र धर्म प्रचार सभा के डॉ. कौशिकचंद्र मल्लिक ने बंगाल में धर्मांतरण बंदी सहित घुसपैठ रोकने, नागरिकता सुधार कानून लागू करने और धर्मशिक्षा देने की आवश्यकता प्रतिपादित की। उक्त जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने दी है।

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