सीएम की दावेदारी पर तेजस्वी का बड़ा बयान, कहा- मेरे अलावा और भी कोई चेहरा है क्या, इस बार होगा परिवर्तन

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर बहस तेज हो गई है। इस बार चर्चा के केंद्र में महागठबंधन के नेता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव हैं। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा वही होंगे। एक न्यूज पोर्टल से बातचीत के दौरान तेजस्वी ने सवालिया लहजे में कहा – “मेरे अलावा और कोई चेहरा है क्या?” उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
राहुल गांधी की यात्रा और विपक्ष का समर्थन
यह पहली बार नहीं है जब तेजस्वी ने खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बताया है। इससे पहले आरा में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के समापन अवसर पर भी उन्होंने यही दावा दोहराया था। उस समय समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उनकी सराहना करते हुए उन्हें सबसे सक्षम और योग्य नेता बताया था। इस प्रकार विपक्षी नेताओं का समर्थन भी तेजस्वी के आत्मविश्वास को मजबूती देता दिख रहा है।
नीतीश कुमार पर सीधा हमला
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने नीतीश को “कमजोर और असहाय” बताते हुए कहा कि अब वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पैर छूने तक मजबूर हो गए हैं। तेजस्वी का आरोप है कि नीतीश सरकार पूरी तरह “विजन-विहीन” है और केवल दूसरों की योजनाओं की नकल करने में सक्षम है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए सवाल उठाया – “आपको ओरिजनल सीएम चाहिए या डुप्लीकेट?”
17 महीने की उपलब्धियों का बखान
अपने कार्यकाल के 17 महीनों का उल्लेख करते हुए तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने रोजगार देने और आरक्षण की सीमा बढ़ाने जैसे बड़े फैसले लिए। उनके अनुसार, यह साबित करता है कि वे जनता की उम्मीदों पर खरे उतरने वाले नेता हैं। उनका कहना था कि नीतीश कुमार की सरकार केवल सत्ता में बने रहने के लिए भाजपा का सहारा लेती है, जबकि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए भी ठोस काम किए।
भाजपा पर गंभीर आरोप
तेजस्वी यादव ने भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा “मुद्दों को मुर्दा बनाने वाली पार्टी” है। उनका आरोप था कि भाजपा जनता से जुड़े असली सवालों पर चर्चा नहीं करती बल्कि लोगों का ध्यान भटकाने का काम करती है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह की क्षमता पर भी प्रश्न उठाए और कहा कि बिहार की सरकार मोदी और शाह के सहारे ही खड़ी है।
मां को लेकर विवाद और प्रतिक्रिया
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां को गाली देने को लेकर जो विवाद छिड़ा, उस पर भी तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि किसी भी मां, बहन या बेटी के प्रति अपशब्द कहना गलत है। मां का नाम आते ही सुकून मिलता है, इसलिए इस पर राजनीति या प्रपंच नहीं होना चाहिए। हालांकि, उन्होंने भाजपा पर दोहरे चरित्र का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने खुद चुनाव प्रचार में बलात्कार के आरोपी को समर्थन दिया और कई बार दूसरों की मां को लेकर अपमानजनक बातें कीं।
डीएनए विवाद का जिक्र
तेजस्वी ने पुराने राजनीतिक प्रसंगों को भी ताजा कर दिया। उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री को अपने बाल और नाखून भेजे जाने की घटना को याद दिलाते हुए सवाल उठाया कि आखिर उसकी रिपोर्ट आई या नहीं। उनका कहना था कि भाजपा और नीतीश दोनों ही जनता को मुद्दों से भटकाने का काम कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं के बयान और आरोप
तेजस्वी ने यह भी कहा कि विधानसभा में भाजपा विधायक ने उनकी मां को गाली दी थी और प्रधानमंत्री ने उस विधायक की पीठ थपथपाई। उनके अनुसार, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष तक ने स्वीकार किया था कि उस विधायक से बड़ा गालीबाज कोई नहीं। इस संदर्भ में तेजस्वी ने भाजपा की कथनी और करनी में अंतर को उजागर करने की कोशिश की।
राजनीति में बदलाव का नारा
तेजस्वी यादव ने इस पूरे बयान के दौरान परिवर्तन का संदेश दिया। उन्होंने नारा दिया – “वोट चोर, गद्दी छोड़।” उनका कहना है कि इस बार जनता नीतीश और भाजपा के गठबंधन को सत्ता से बाहर करेगी और बिहार में नया नेतृत्व स्थापित होगा। तेजस्वी यादव का यह बयान साफ करता है कि वे न केवल महागठबंधन में अपनी भूमिका को लेकर आश्वस्त हैं, बल्कि जनता के सामने खुद को सीधा विकल्प भी पेश करना चाहते हैं। नीतीश कुमार और भाजपा पर तीखे हमलों के जरिए उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की है कि वे परिवर्तन के वाहक हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि बिहार की जनता उनके इस दावे को कितना समर्थन देती है और आगामी चुनाव में किस तरह का राजनीतिक समीकरण बनता है।
