पंजाब की पटाखा फैक्ट्री में धमाकेदार विस्फोट, 5 मजदूरों की मौत, 25 से अधिक घायल

मुक्तसर साहिब। पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब जिले में गुरुवार देर रात एक भयानक हादसे ने सभी को हिला कर रख दिया। जिले के सिंघे वाला-फरीदकोट कोटली रोड पर स्थित एक पटाखा फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट हुआ, जिसमें पांच मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और 25 से ज्यादा मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा आधी रात के आसपास हुआ, जब अधिकतर मजदूर फैक्ट्री परिसर में ही आराम कर रहे थे।
जोरदार धमाके से दो मंजिला इमारत हुई ध्वस्त
प्रत्यक्षदर्शियों और फैक्ट्री कर्मियों के अनुसार धमाका इतना तेज था कि दो मंजिला इमारत पूरी तरह से गिर गई। इस इमारत के मलबे में कई मजदूर दब गए, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका बनी हुई है। धमाके की आवाज़ दूर-दूर तक सुनी गई और आसपास के ग्रामीण इलाकों में भी अफरा-तफरी मच गई।
प्रशासन का त्वरित रेस्क्यू ऑपरेशन
घटना की सूचना मिलते ही श्री मुक्तसर साहिब के एसएसपी अखिल चौधरी और एसडीएम जसपाल सिंह मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लिया। एसडीएम ने बताया कि कई घायल मजदूरों को प्राथमिक उपचार के बाद बठिंडा स्थित एम्स, बादल और लंबी के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान अभी भी जारी है क्योंकि मलबे में और मजदूरों के फंसे होने की आशंका है।
फोरेंसिक टीम कर रही है जांच
एसएसपी अखिल चौधरी ने बताया कि फैक्ट्री में हुए धमाके की गहराई से जांच करने के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विस्फोट के कारणों की पुष्टि जांच के बाद ही की जा सकेगी। फिलहाल पुलिस प्रशासन यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि फैक्ट्री में कुल कितने मजदूर कार्यरत थे और कितने घायल हुए हैं।
प्रवासी मजदूरों की थी बड़ी संख्या
धमाके में घायल हुए अधिकतर मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से आए प्रवासी हैं। फैक्ट्री कर्मचारी अरुण कुमार ने बताया कि वह अन्य मजदूरों के साथ पैकिंग का काम करता है और काम खत्म होने के बाद सभी लोग सोने चले गए थे। रात के समय अचानक आग की आवाज आई और फिर एक तेज धमाका हुआ, जिससे पूरी इमारत ढह गई। वह खुद किसी तरह जान बचाकर बाहर निकल पाया लेकिन उसके कई साथी अंदर मलबे में दब गए।
रात के समय हुआ विस्फोट, प्रशासन सतर्क
लंबी के डीएसपी जसपाल सिंह के अनुसार रात 12 से 1 बजे के बीच धमाका हुआ। इस फैक्ट्री में लगभग 45 से 50 मजदूर काम करते हैं, जिनका आवास भी फैक्ट्री परिसर में ही है। इसलिए हादसे के समय सभी मजदूर फैक्ट्री में ही मौजूद थे, जिससे जान-माल की हानि ज्यादा हुई।
सवालों के घेरे में सुरक्षा व्यवस्था
इस हादसे ने फैक्ट्रियों में सुरक्षा मानकों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। यह जांच का विषय है कि क्या फैक्ट्री में विस्फोटकों के भंडारण और सुरक्षा को लेकर सभी नियमों का पालन किया गया था या नहीं। साथ ही, यह भी देखा जाना चाहिए कि रात्रि समय उत्पादन और प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था कितनी सुरक्षित थी। यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि विस्फोटक पदार्थों से संबंधित उद्योगों में सुरक्षा को लेकर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। प्रशासनिक सतर्कता और नियमित निरीक्षण ही ऐसे हादसों को रोका जा सकता है, जिससे निर्दोष मजदूरों की जानें बचाई जा सकें।

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