December 31, 2025

यूपी में सीएम योगी का बड़ा ऐलान, सभी स्कूलों में वंदे मातरम् गीत अनिवार्य, उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के सभी स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रगीत वंदे मातरम् का गायन अनिवार्य करने की घोषणा की है। सोमवार को गोरखपुर से एकता यात्रा की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि अब राज्य के हर विद्यालय में विद्यार्थी राष्ट्रगीत गाएंगे, जिससे उनमें देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ावा मिले। सीएम योगी ने इसे राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सांस्कृतिक गौरव से जोड़ते हुए विपक्षी दलों, विशेषकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी, पर निशाना साधा।
हर विद्यालय में अनिवार्य होगा वंदे मातरम् गायन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रगीत वंदे मातरम् भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा रहा है और इसे गाने से देशभक्ति की भावना प्रबल होती है। उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों, कॉलेजों तथा शिक्षण संस्थानों में वंदे मातरम् का गायन हर दिन अनिवार्य किया जाएगा। योगी ने कहा कि “हम लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर संकल्प लेते हैं कि वंदे मातरम् का गायन हर विद्यालय में होगा। यह गीत भारत माता के प्रति हमारी श्रद्धा और एकता का प्रतीक है।” उन्होंने कहा कि जो संस्थान या व्यक्ति इस आदेश का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
राष्ट्रगीत से जोड़ते हुए विपक्ष पर प्रहार
अपने संबोधन में सीएम योगी ने कांग्रेस पर ऐतिहासिक घटनाओं का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि उसकी “तुष्टिकरण की नीति” ने देश को विभाजित किया। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् का विरोध करने की शुरुआत 1923 में कांग्रेस के भीतर हुई, जब मोहम्मद अली जौहर पार्टी के अध्यक्ष बने। योगी ने कहा कि उस समय कांग्रेस के अधिवेशनों में 1896 से लेकर 1922 तक यह गीत गाया जाता था, लेकिन 1923 में जौहर के विरोध के बाद इसे बंद कर दिया गया। योगी ने कहा, “यदि उस समय कांग्रेस ने राष्ट्रगीत का विरोध करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया होता, तो देश का विभाजन कभी नहीं होता। कांग्रेस ने वंदे मातरम् का अपमान सहा और संशोधन की बात की, जिससे विभाजन की नींव रखी गई।”
महापुरुषों के सम्मान से जुड़ा राष्ट्रगीत
सीएम योगी ने अपने भाषण में कहा कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सरदार पटेल जैसे महापुरुषों के योगदान को याद रखना जरूरी है। उन्होंने कहा कि “जो लोग राष्ट्रगीत का विरोध करते हैं, वे देश की एकता के खिलाफ हैं। अगर हम अपने महापुरुषों का सम्मान नहीं करेंगे, तो देश आगे कैसे बढ़ेगा?” उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं बल्कि भारत की आत्मा का प्रतीक है, जो आज़ादी के आंदोलन के दौरान देश की एकजुटता का प्रतीक बना।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया और विवाद
सीएम योगी के इस ऐलान के बाद वंदे मातरम् एक बार फिर राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह राष्ट्रगीत को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है। पार्टी नेताओं का कहना है कि आज़ादी की लड़ाई के दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ही वंदे मातरम् को राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बनाया था। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी और मुरादाबाद से सपा के पूर्व सांसद डॉ. एस.टी. हसन ने धार्मिक आधार पर इस आदेश पर आपत्ति जताई है। डॉ. हसन ने कहा कि मुसलमान अल्लाह के अलावा किसी और की इबादत नहीं कर सकता, इसलिए वंदे मातरम् गाना धार्मिक रूप से उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि “हम देशभक्त हैं, मातृभूमि के लिए अपनी जान दे सकते हैं, लेकिन पूजा नहीं कर सकते क्योंकि इस्लाम में पूजा केवल अल्लाह के लिए होती है।” अबू आजमी ने भी इसी तर्क को दोहराया और कहा कि “वंदे मातरम् में धरती की पूजा का भाव है, जबकि इस्लाम में केवल अल्लाह की इबादत की जाती है।” उनके इन बयानों ने सोशल मीडिया पर तीखी बहस छेड़ दी है।
राष्ट्रगीत को लेकर बढ़ा राजनीतिक टकराव
वंदे मातरम् को लेकर उठी बहस केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रही। महाराष्ट्र में भी एनडीए सरकार ने स्कूलों में पूर्ण राष्ट्रगीत गाने को अनिवार्य किया है। भाजपा नेताओं ने देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू पर राष्ट्रगीत में “काट-छांट” कराने का आरोप लगाया है। वहीं, कांग्रेस ने जवाब में कहा कि वंदे मातरम् पर किसी का एकाधिकार नहीं है, यह भारत की स्वतंत्रता की पहचान है।
एकता और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक बनेगा अभियान
सीएम योगी ने कहा कि वंदे मातरम् को लेकर यह निर्णय केवल औपचारिक आदेश नहीं है, बल्कि यह सांस्कृतिक पुनर्जागरण का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह अभियान युवाओं में देशभक्ति की भावना को सशक्त करेगा और शिक्षा संस्थानों में अनुशासन व एकता का माहौल पैदा करेगा। उन्होंने कहा कि “हर नागरिक के दिल में अपनी मातृभूमि के प्रति गर्व का भाव होना चाहिए। जब स्कूलों में बच्चे वंदे मातरम् गाएंगे, तो उनमें देश की सेवा और एकता की भावना विकसित होगी।” सीएम योगी आदित्यनाथ के इस निर्णय ने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। यह आदेश जहां राष्ट्रगीत के सम्मान को बढ़ाने की दिशा में कदम माना जा रहा है, वहीं इससे धार्मिक और राजनीतिक मतभेद भी उभर आए हैं। एक ओर सरकार इसे राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति की भावना से जोड़ रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ विपक्षी दल इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास बता रहे हैं। फिर भी, यह तय है कि अब उत्तर प्रदेश के स्कूलों में हर सुबह “वंदे मातरम्” की गूंज सुनाई देगी, जो राष्ट्र के गौरव और एकता का संदेश देगी।

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