भूमि सर्वेक्षण में लगान बकायेदारों पर बड़ा एक्शन, जमीन नीलामी की तैयारी शुरू, नोटिस जारी
पटना। बिहार में भूमि सर्वेक्षण के साथ-साथ राजस्व विभाग अब लगान बकायेदारों पर सख्त हो गया है। लंबे समय से लगान का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ सरकार ने अब कड़ा कदम उठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कार्रवाई न सिर्फ राजस्व की वसूली सुनिश्चित करने के लिए है, बल्कि भूमि उपयोग में हो रही अनियमितताओं को भी नियंत्रित करने का प्रयास है।
बकायेदारों को भेजा गया नोटिस
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने प्रदेशभर के अंचल और जिलों में लगान बकायेदारों की पहचान शुरू कर दी है। विभागीय सचिव के निर्देश पर करायपरसुराय अंचलाधिकारी मणिकांत कुमार ने जानकारी दी कि बड़े बकायेदारों की सूची तैयार की जा रही है। जिन लोगों ने लंबे समय से लगान का भुगतान नहीं किया है, उन्हें अंतिम नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यदि तय समय सीमा के भीतर लगान की राशि जमा नहीं की गई, तो जमीन की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
राजस्व हानि को लेकर सरकार गंभीर
सरकार को यह भी जानकारी मिली है कि कई रैयत बिना अनुमति के कृषि भूमि का उपयोग गैर-कृषि कार्यों के लिए कर रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व का सीधा नुकसान हो रहा है। भूमि का गलत उपयोग और समय पर लगान का भुगतान न करना, दोनों ही गंभीर मुद्दे हैं जिन पर सरकार अब सख्ती से निगरानी रख रही है। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मामलों की पहचान कर तुरंत कार्रवाई की जाए।
ऑनलाइन भुगतान की सुविधा के बावजूद अनियमितता
राज्य सरकार ने रैयतों की सुविधा के लिए ऑनलाइन लगान भुगतान की व्यवस्था कर रखी है। इसके बावजूद भुगतान में लापरवाही और अनियमितता लगातार बनी हुई है। यह दर्शाता है कि या तो लोगों में जागरूकता की कमी है या फिर जानबूझकर नियमों की अनदेखी की जा रही है। ऐसे में विभाग अब कोई ढील नहीं देने के मूड में नहीं है और अंतिम चेतावनी के बाद सीधी कानूनी कार्रवाई की योजना बनाई गई है।
अंचल स्तर पर बढ़ी हलचल
सरकार की इस सख्ती के बाद अंचल स्तर पर हलचल तेज हो गई है। अधिकारियों और कर्मचारियों को राजस्व वसूली अभियान में पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। कई अंचलों में बकायेदारों को पहले ही व्यक्तिगत रूप से सूचित किया जा चुका है और नोटिस देने की प्रक्रिया जारी है। जमीन की नीलामी एक कठोर कदम है, लेकिन सरकार का मानना है कि इसके जरिए अन्य बकायेदारों में भी चेतना आएगी और भविष्य में लगान भुगतान को गंभीरता से लिया जाएगा।
लंबे समय से पेंडिंग मामलों का निपटारा
इस अभियान के तहत वर्षों से पेंडिंग लगान मामलों को भी खंगाला जा रहा है। ऐसे रैयत जो कई वर्षों से राशि नहीं जमा कर रहे हैं, उनके रिकॉर्ड की समीक्षा की जा रही है। पुरानी फाइलें खोली जा रही हैं और दस्तावेजों का मिलान कर यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर बकायेदार की पहचान सही ढंग से हो और उन्हें उचित प्रक्रिया के तहत नोटिस दिया जाए। राज्य सरकार की यह कार्रवाई संकेत देती है कि अब राजस्व वसूली को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। जमीन की नीलामी जैसी कठोर कार्रवाई से जहां सरकार को राजस्व की पूर्ति होगी, वहीं लोगों में एक सख्त संदेश जाएगा कि कानून का पालन करना अनिवार्य है। यह कदम भूमि प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास साबित हो सकता है। अब जरूरत है कि रैयत समय पर लगान का भुगतान करें और नियमों का पालन करें, जिससे ऐसे कठोर कदमों से बचा जा सके।


