December 8, 2025

मसौढ़ी में मैरिज हॉल में बड़ा हादसा, करंट लगने से कारीगर की दर्दनाक मौत, परिजनों का हंगामा

पटना। मसौढ़ी थाना क्षेत्र अंतर्गत रविवार देर रात एक विवाह समारोह के दौरान मन्नत मैरिज हॉल में बड़ा हादसा हो गया। खाना बना रहे एक कारीगर की करंट लगने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मृतक की पहचान धनरूआ थाना क्षेत्र के ओलीपुर गांव निवासी रंजन कुमार के रूप में हुई है। हादसे के बाद विवाह समारोह की खुशियां मातम में बदल गईं और हॉल में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया। जानकारी के अनुसार, रंजन कुमार मन्नत मैरिज हॉल में खाना बनाने का काम कर रहा था। वह अन्य कारीगरों के साथ हॉल के एक कोने में भोजन तैयार करने में व्यस्त था। इसी दौरान वह अचानक बिजली की चपेट में आ गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रंजन जिस स्थान पर कार्य कर रहा था, वहां बिजली के तार खुले हुए थे। करंट लगते ही वह मौके पर गिर पड़ा। साथ काम कर रहे अन्य कारीगरों ने तत्काल उसे उठाया और अनुमंडल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही मृतक के परिजन व स्थानीय ग्रामीण अस्पताल और घटनास्थल पर पहुंचे। रंजन की मौत की खबर मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। गुस्साए परिजनों ने शव को पटना-गया-मसौढ़ी मुख्य मार्ग पर रखकर घंटों सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की और मैरिज हॉल मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना पर मसौढ़ी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और आक्रोशित लोगों को शांत करने का प्रयास किया। थाना प्रभारी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वस्त किया कि मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। काफी समझाने-बुझाने के बाद जाम समाप्त हुआ और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि मन्नत मैरिज हॉल में सुरक्षा के मानकों की अनदेखी आम बात है। खुले बिजली के तार और खराब वायरिंग के कारण किसी भी समय हादसा हो सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसे सभी मैरिज हॉल की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी अन्य मजदूर की जान न जाए। रंजन कुमार की असमय मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। वह अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य था। गांव के लोगों ने सरकार से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता और परिवार के किसी सदस्य को नौकरी देने की मांग की है। यह हादसा सिर्फ एक मजदूर की मौत नहीं, बल्कि व्यवस्थागत लापरवाही की एक और मिसाल है। जब तक मजदूरों की सुरक्षा के नियमों को गंभीरता से लागू नहीं किया जाएगा, तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेंगी और मासूम परिवार यूं ही उजड़ते रहेंगे।

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