विश्व साइकिल दिवस आज : पटना एम्स में साइकिल रैली का आयोजन, डॉक्टरों ने कहा- स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए साइकिल चलाना जरुरी

पटना। राजधानी के पटना एम्स में आज शनिवार को विश्व साइकिल दिवस मनाया गया। वही इस मौके पर एम्स के डॉक्टर और सभी फैकल्टीज के अधिकारियों द्वारा एक साइकिल रैली का आयोजन किया गया। साथ ही साइकिल चलाने से होने वाले फायदे को बता लोगों को अधिक से अधिक साइकिल का प्रयोग करे का सलाह दिया गया। बता दें कि 3 जून को विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। वही इसके तहत स्वास्थ्य, पर्यावरण और व्यक्तिगत कल्याण पर साइकिल चलाने के अत्यधिक लाभ की बातें बतायी गयी है। वही इस दिन को पहली बार 2018 में मनाया गया था। जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे साइकिल चलाने के कई फायदों का जश्न मनाने के लिए एक आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया था। डॉ. के अनुसार, साइकिल चलाना सिर्फ एक साधारण गतिविधि नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है। यह परिवहन का एक स्थायी और स्वस्थ तरीका है। जो शून्य कार्बन उत्सर्जन को बढ़ावा देता है। जिससे यह आने-जाने का पर्यावरण के अनुकूल तरीका बन जाता है। वही इसके अलावा यह एक कम प्रभाव वाला व्यायाम है। इससे मांसपेशियों को मजबूत करता है और हृदय, फेफड़े और समग्र हृदय स्वास्थ्य को बढ़ाता है। जिससे पुरानी बीमारियों का खतरा कम होता है। वही इस विश्व साइकिल दिवस पर कार्यकारी निदेशक डॉ. गोपाल कृष्ण पाल ने लोगों से परिवहन के साधन के रूप में साइकिल को चुनने और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने का आग्रह किया। वहीं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सी. एम. सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को सुरक्षित और आराम से साइकिल चलाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमें समर्पित बाइक लेन, साइकिल पथ और सुरक्षित पार्किंग सुविधाओं जैसे साइकिल-अनुकूल बुनियादी ढांचे का निर्माण करने का प्रयास करना चाहिए।

ट्रॉमा सर्जरी प्रमुख के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि परिवहन के एक स्थायी और स्वस्थ माध्यम के रूप में साइकिल को बढ़ावा देकर ही हम यातायात की भीड़, वायु प्रदूषण को कम कर सकते हैं और जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। वही उन्होंने कई बच्चों के साथ साइकिल की सवारी को प्रोत्साहित करने के लिए आम लोगों को जागरूक करने के लिए कई नारे भी जोड़े। ‘साइकिल चलाना है-पर्यावरण को बचाना है, साइकिल चलाने में लगता है दम- बीपी, शुगर, तनाव होता है कम’ हमें साइकिल और रीसायकल करनी चाहिए। कई वरिष्ठ फैकल्टी डॉ. प्रेम कुमार, रेडियोडायग्नोसिस के प्रमुख और अनुसंधान डीन, डॉ. क्रांति भावना, डॉ. सुदीप कुमार, डॉ. बिनोद पति, डॉ. प्रदीप कुमार ने साइकिल चलाने के अपने अनुभव और लाभ साझा किए और प्रोत्साहित किया कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को अपनी जीवन शैली में बदलाव लाना चाहिए। वही इस साइकिल रैली में फैकल्टी, सुरक्षा स्टाफ, अस्पताल स्टाफ, मेडिकल छात्रों, रेजिडेंट्स, नर्सिंग छात्रों और नर्सिंग अधिकारियों सहित 200 से अधिक लोगों ने कार्यक्रम में भाग लिया।

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