सरकार के समक्ष मांगों को रखकर भूमि अधिकार सत्याग्रह आरंभ।

सहरसा। जय जगत का नारा है सारे संसार हमारा है, हम अपना   अधिकार मांगते किसी से भीख नहीं मांगते, हर हाथ को काम चाहिए बंदुक नहीं  कुदाल चाहिए, मकान का अधिकार कानून बनाना होगा आदि गगनभेदी नारों के साथ  काढ़ा मोड़ से पतरघट प्रखंड तक शुरू पदयात्रा की गयी। काढ़ा मोड़ से पतरघट प्रखंड तक पदयात्रा पहुंच कर भूमि अधिकार सत्याग्रह में तब्दील हो गयी।

गांधी,विनोबा,जयप्रकाश और अम्बेदकर के पदचिन्हों पर चलने वाली एकता परिषद जन संगठन है। एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी, एकता परिषद की राष्ट्रीय महिला नेत्री मंजू डुंगडुंग, कुढ़नी प्रखंड स्तरीय संयोजक लखेन्द्र यादव, बिहटा प्रखंड स्तरीय नेता राजकुमार, पतरघट व सोनवर्षा प्रखंड के नेता ओमप्रकाश सदा व हीरालाल सदा पदयात्रा का नेतृत्व किए।

आखिर क्यों कर रहे हैं

भूमि अधिकार सत्याग्रह

सहरसा जिले के एकता परिषद के स्थानीय नेतृत्व के प्रयास से हजारों की संख्या में वंचित समुदाय के लोग सड़क पर उतरे। इसमें एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी का आशीर्वाद प्राप्त है. सहरसा व पटना जिला में एकता परिषद बिहार की बैठक की गयी।इस बैठक में निर्णय लिया गया कि मांगों को लेकर अव्वल पदयात्रा करेंगे। 7 किलोमीटर की पदयात्रा तय कर आने के बाद पतरघट प्रखंड

भूमि अधिकार सत्याग्रह प्रारंभ कर दिए।

क्या है मांग

प्रखंड मुख्यालय, पतरघट, सहरसा पर भूमि अधिकार सत्याग्रह प्रारंभ कर दिया गया है। जबतक सरकार मांगों को नहीं मान लेती तबतक सत्याग्रह जारी रहेगा। ओमप्रकाश सदा,हीरालाल सदा और अशोक पासवान ने कहा कि हमारी आठ सूत्री मांग है। सभी आवासीय भूमिहीनों को पाँच डिसमिल आवासीय भूमि दी जाए। सरकार वासभूमि अधिकार कानून बनाए। शव के दाह संस्कार के लिए सार्वजनिक भूमि उपलब्ध कराये। मनरेगा में 150 दिन रोजगार की व्यवस्था हो।सामाजिक सुरक्षा योजनाओं  का सही ढंग से अनुपालन हो। 60 साल के ऊपर के सभी वृद्धों को कैम्प लगाकल वृद्धावस्था पेंशन चालू हो। सभी दलित टोलों में पीने का स्वच्छ पानी उपलब्ध कराया जाए और सभी आंगनबाड़ी केंद्र का अपना भवन उपलब्ध कराया जाए।

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