November 13, 2025

बिहार के चुनाव रिजल्ट पर आईपीएल जैसा लगा सट्टा: उम्मीदवारों की जीत पर भी लगी बोली, अलर्ट मोड पर पुलिस प्रशासन

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दोनों चरणों की वोटिंग पूरी होने के बाद जहां पूरा राज्य 14 नवंबर का इंतजार कर रहा है, वहीं सीमावर्ती इलाकों में सट्टेबाजों का खेल अपने चरम पर पहुँच चुका है। चुनावी नतीजों से पहले जो तस्वीर केवल राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय होती थी, वह अब अवैध सट्टा बाजार के लिए सोने की खान बन गई है। इस बार का सट्टा बाजार बिल्कुल आईपीएल सट्टेबाज़ी की तरह सक्रिय दिखाई दे रहा है।
सट्टे का नया ट्रेंड – राजनीति में लगी बड़ी बोली
हाल के वर्षों में जहां सट्टा बाजार का केंद्र क्रिकेट रहा है, वहीं इस बार बिहार चुनाव ने सटोरियों को नया प्लेटफॉर्म दे दिया है। अब केवल हार-जीत पर ही नहीं, बल्कि उम्मीदवारों के मतों के अंतर पर भी लाखों रुपये के दांव लगाए जा रहे हैं। विशेष रूप से फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, नरपतगंज और धमदाहा जैसे क्षेत्रों में सट्टे का जाल फैल गया है। इसके अलावा नेपाल सीमा के विराटनगर और पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जैसे शहरों में भी राजनीतिक सट्टे की मंडी पूरी तरह सक्रिय है। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बड़ी संख्या में व्यापारी और युवा मोबाइल ऐप, व्हाट्सऐप ग्रुप और टेलीग्राम चैनलों के जरिये दांव लगा रहे हैं। यह ट्रेडिंग बिल्कुल आईपीएल जैसी लाइव सट्टेबाज़ी की तरह चल रही है।
नेपाल और बंगाल की सीमा बनी सटोरियों का सुरक्षित ठिकाना
सीमा के दोनों ओर तैनात सुरक्षा बल अलर्ट पर हैं, फिर भी नेपाल और बंगाल की खुली सीमा इस अवैध कारोबार को रोकने के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। नेपाल के विराटनगर में मारवाड़ी अतिथि सदन और बंगाल के सिलीगुड़ी में कई जगहों पर राजनीतिक सट्टे की बड़ी मंडियां सज चुकी हैं। बिहार और राजस्थान के कुछ व्यापारी भी इसमें गहरी भागीदारी निभा रहे हैं। स्थानीय पुलिस का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई गई है, लेकिन सट्टेबाज हर बार नया तरीका निकाल लेते हैं।
किन सीटों पर सबसे ज्यादा दांव?
सट्टा बाजार में इस बार कुछ सीटों को “हॉट सीट” बताया जा रहा है। इनमें प्रमुख नाम शामिल हैं—
तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट
तेज प्रताप यादव की महुआ सीट
फारबिसगंज में भाजपा-कांग्रेस मुकाबला
अररिया में कांग्रेस-जदयू
नरपतगंज में राजद-भाजपा
धमदाहा में जदयू-राजद
सहरसा, मधेपुरा और कटिहार सीटें
इन सीटों पर मतों के अंतर पर भारी सट्टा लगाया जा रहा है।
सटोरियों का अनुमान – एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन
सट्टा बाजार में एनडीए को बढ़त मिलती दिख रही है। सटोरियों के आकलन के अनुसार—
एनडीए: 125–135 सीटें
इंडिया गठबंधन: 100–120 सीटें
हालांकि, एनडीए के नेताओं द्वारा दिए जा रहे “200 पार” के दावे पर सट्टे के बाजार में अधिक भरोसा नहीं दिख रहा है।
प्रशासन का कड़ा रुख
सट्टेबाज़ी बढ़ने के बाद पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। फारबिसगंज के एसडीपीओ मुकेश कुमार साहा ने कहा कि सट्टे की गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग पकड़े जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी। यह सट्टेबाज़ी चुनाव की निष्पक्षता और मतदाताओं के मनोवैज्ञानिक माहौल को प्रभावित कर सकती है।
मतदाता के फैसले से पहले ही लगी बोली
चुनाव आयोग ने साफ कहा है कि सट्टेबाज़ी गैरकानूनी है और यह चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला अपराध है। इसके बावजूद, लाखों रुपये का लेन-देन लगातार जारी है। जनादेश अभी ईवीएम में बंद है, लेकिन सटोरिए पहले ही अपने “धनादेश” को लेकर सक्रिय हो चुके हैं। बिहार चुनाव के नतीजों पर जहां पूरा प्रदेश राजनीतिक जिज्ञासा के साथ नजरें लगाए हुए है, वहीं अवैध सट्टा बाजार इसे अवसर के रूप में देख रहा है। प्रशासन भले ही पूरी कोशिश कर रहा हो, लेकिन सीमा की खुली स्थिति और नई तकनीक का इस्तेमाल इस अवैध कारोबार को नियंत्रित करना चुनौतीपूर्ण बना रहा है। अब 14 नवंबर ही बताएगा कि किसका आकलन सही निकला—सटोरियों का या फिर जनता का निर्णय।

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