कच्चे तेल में गिरावट का फायदा आम जनता के बजाए कंपनियों को दिया जाना एक बड़े घोटाले का संकेत : राजीव रंजन

- पेट्रोल कंपनियां हो रही मालामाल, जनता का हाल बेहाल
पटना। केंद्र सरकार को पूंजीपतियों का गुलाम बताते हुए JDU के राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि एक तरफ पेट्रोल-डीजल के बढ़े दामों से जनता बेहाल है, दूसरी तरफ कच्चे तेल के दामों में हुई भारी कमी का लाभ उठाते हुए तेल कंपनियां मालामाल हो रही हैं। कच्चे तेल का दाम बढ़ते ही पेट्रोल के दाम बढ़ा देने वाली केंद्र सरकार कच्चे तेल में गिरावट का लाभ जनता को देने के बजाये अपने पूंजीपति मित्रों को दे रही है। सस्ते कच्चे तेल का फायदा उठा तेल कंपनियां 31000 करोड़ का मुनाफा कमा चुकी हैं। वहीं, आम जनता अभी भी जेबें ढ़ीली करने के लिए मजबूर है। उन्होंने आगे कहा कि 21 मई 2022 में जब केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की थी तब कच्चे तेल का दाम 109.51 डॉलर था। इसके बाद लंबे समय तक इसके दाम 70 से 80 डॉलर के बीच रहें। आज भी यह 86 डॉलर पर है। इसके बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम जस के तस हैं। यह देश के आम लोगों, किसानों और छोटे व्यवसाय करने वालों के साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि तेल के इस काले खेल की मार महिलाओं पर भी पड़ रही है। इसी वजह से गैस सिलिंडर के दाम भी पहले मुकाबले लगभग तिगुना हो गया है। उसपर से सिलिंडर के दामों में 800 रु बढ़ोतरी करने बाद अब 200 रु घटा कर केंद्र सरकार गरीबों का हितैषी बनने का नाटक कर रही है।
