November 12, 2025

रोहित और विराट को बीसीसीआई का निर्देश, घरेलू टूर्नामेंट खेलने अनिवार्य, तभी टीम में मिलेगी जगह

नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के दो सबसे बड़े सितारे, रोहित शर्मा और विराट कोहली, एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार वजह उनका खेल प्रदर्शन नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से जारी किया गया नया निर्देश है। बीसीसीआई ने दोनों खिलाड़ियों को साफ संदेश दिया है कि अगर वे भविष्य में वनडे फॉर्मेट में भारतीय टीम का हिस्सा बने रहना चाहते हैं, तो उन्हें घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना अनिवार्य होगा।
टी20 और टेस्ट से संन्यास के बाद नई चुनौती
रोहित शर्मा और विराट कोहली दोनों ही टी20 इंटरनेशनल और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। अब वे केवल वनडे फॉर्मेट में ही भारतीय टीम के लिए उपलब्ध हैं। इस स्थिति में उनके सामने एक बड़ी चुनौती है—खुद को मैच-फिट बनाए रखना। लंबे ब्रेक और सीमित मैचों के बीच फिटनेस और लय बनाए रखना किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान नहीं होता। बीसीसीआई का यह निर्णय इसी संदर्भ में लिया गया है ताकि दोनों खिलाड़ी नियमित क्रिकेट खेलते रहें और मैच प्रैक्टिस की कमी से जूझना न पड़े।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वापसी और प्रदर्शन
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई वनडे सीरीज में दोनों दिग्गज खिलाड़ियों ने लंबे अंतराल के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की। रोहित शर्मा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा और “प्लेयर ऑफ द मैच” का पुरस्कार भी जीता। दूसरी ओर, विराट कोहली शुरुआती दो मुकाबलों में कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सके और उनका खाता भी नहीं खुला। हालांकि सीरीज के अंतिम मैच में उन्होंने वापसी करते हुए अच्छे शॉट्स खेले और रन बटोरे। इन मैचों के बाद यह स्पष्ट हुआ कि लंबे ब्रेक का असर खेल पर पड़ता है और खिलाड़ियों को निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है।
बीसीसीआई का नया निर्देश
बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार बोर्ड ने अपनी पुरानी वर्कलोड मैनेजमेंट नीति में बदलाव किया है। पहले जहां सीनियर खिलाड़ियों को रणजी ट्रॉफी या विजय हजारे ट्रॉफी जैसे घरेलू टूर्नामेंटों में खेलने से छूट दी जाती थी, अब ऐसा नहीं होगा। अब जो भी खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में चयन की उम्मीद रखता है, उसे घरेलू क्रिकेट में भाग लेना अनिवार्य होगा। बोर्ड का मानना है कि इससे खिलाड़ियों को मैच का अनुभव मिलेगा और देश के युवा खिलाड़ियों को भी उनसे प्रेरणा लेने का मौका मिलेगा।
विजय हजारे ट्रॉफी बनेगी अगला मौका
भारतीय टीम दिसंबर में दक्षिण अफ्रीका और जनवरी में न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज खेलेगी। इन दोनों सीरीज से पहले केवल एक बड़ा घरेलू टूर्नामेंट—विजय हजारे ट्रॉफी—का आयोजन होगा। ऐसे में रोहित और विराट के लिए यह एकमात्र अवसर है कि वे घरेलू स्तर पर अपनी फॉर्म और फिटनेस दिखा सकें। रोहित शर्मा ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन को पहले ही सूचित कर दिया है कि वे विजय हजारे ट्रॉफी के लिए उपलब्ध रहेंगे। वहीं विराट कोहली की उपलब्धता को लेकर अब तक कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
बोर्ड का स्पष्ट संदेश
बोर्ड के करीबी सूत्रों ने बताया है कि टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं ने दोनों खिलाड़ियों को स्पष्ट रूप से सूचित किया है कि यदि वे भारतीय टीम में बने रहना चाहते हैं, तो घरेलू क्रिकेट खेलना उनकी जिम्मेदारी है। बोर्ड का मानना है कि यह नीति केवल रोहित-विराट के लिए नहीं, बल्कि सभी सीनियर खिलाड़ियों पर समान रूप से लागू होगी। इससे चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और टीम में फिटनेस एवं प्रदर्शन के आधार पर ही जगह तय होगी।
वर्कलोड मैनेजमेंट नीति में बदलाव
बीसीसीआई की पिछली नीति में सीनियर खिलाड़ियों को आराम देने पर जोर था। कई बार देखा गया कि राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने वाले खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंटों में भाग नहीं लेते थे। इससे न केवल उनकी लय प्रभावित होती थी, बल्कि घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता था। इस नई नीति का उद्देश्य घरेलू टूर्नामेंटों के महत्व को पुनर्स्थापित करना है ताकि भारत की क्रिकेट संरचना मजबूत बनी रहे और वरिष्ठ खिलाड़ी भी इसमें योगदान दें।
घरेलू क्रिकेट से खिलाड़ियों को लाभ
घरेलू क्रिकेट किसी भी खिलाड़ी के लिए अपनी लय और तकनीक सुधारने का सर्वोत्तम मंच होता है। यहां पिच, हालात और दबाव अंतरराष्ट्रीय स्तर से अलग होते हैं, जो खिलाड़ियों को नई परिस्थितियों में ढलने की क्षमता देते हैं। बीसीसीआई के इस कदम से उम्मीद है कि सीनियर खिलाड़ियों की भागीदारी बढ़ेगी और युवा खिलाड़ियों को उनके साथ खेलकर अनुभव मिलेगा। बीसीसीआई का यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के दीर्घकालिक हित में उठाया गया कदम है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट की शान हैं, लेकिन उन्हें भी निरंतर अभ्यास और मैच प्रैक्टिस की आवश्यकता है। घरेलू क्रिकेट में उनकी उपस्थिति से टूर्नामेंट का स्तर ऊंचा होगा और युवा खिलाड़ियों के लिए यह सीखने का अवसर बनेगा। आने वाले दिनों में अगर दोनों दिग्गज विजय हजारे ट्रॉफी में उतरते हैं, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा। बीसीसीआई का यह स्पष्ट संदेश है—टीम इंडिया में जगह अब केवल नाम या अनुभव से नहीं, बल्कि निरंतर प्रदर्शन और समर्पण से मिलेगी।

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