बाढ़ नगर परिषद का स्थापना दिवस समारोह मौखिक निर्देश पर स्थगित, ज्ञानू के बयान ने मचाया बवंडर, राजद में ‘माइलेज’ नहीं मिलने से मुख्य पार्षद भाजपा में जाने को सेट कर रहे थे गोटी

पटना। पटना के बाढ़ से बड़ी खबर सामने आ रही है। बाढ़ नगर परिषद के 151वां वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आज आयोजित होने वाले स्थापना दिवस समारोह को स्थगित कर दिया गया है। बाढ़ नगर परिषद के नगर कार्यपालक पदाधिकारी की ओर से जारी किए गए पत्र, जिसका पत्रांक सं. 1706 है, में जानकारी दी गई है कि उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से मौखिक निर्देश दिया गया है कि अपरिहार्य कारणवश 27 दिसंबर को नगर परिषद के स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को तत्काल स्थगित किया जाए, लेकिन यह जानकारी नहीं दिया गया है कि कार्यक्रम को किस कारणवश स्थगित किया जा रहा है। इसे लेकर पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें अमृतवर्षा न्यूज डॉट इन ने आपको पहले ही जानकारी दी थी कि यह समारोह राजनीति की भेंट चढ़ता दिख रहा है और हुआ भी ऐसा ही।

मौखिक निर्देश पर समारोह को स्थगित
बताते चले समारोह के विशिष्ट अतिथि भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने ही उक्त समारोह का विरोध करते हुए कहा था कि नगर परिषद के घोटाले को छिपाने के लिए ऐसे आयोजन किए जा रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि बाढ़ में राजद को मजबूत करने की कवायद और जनता की गाढ़ी कमाई की राशि से लोगों को भोजन करवाना गलत बात है। उनके इस बयान के बाद राजनीति गलियारे में खलबली मच गई थी। सूत्रों ने बताया कि उनके बयान के बाद संभावना जताई जा रही थी कि कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करना टेढ़ी खीर के समान है और अंतत: कार्यक्रम के ठीक एक दिन पूर्व मौखिक निर्देश पर समारोह को स्थगित करना पड़ा।
राजद नेता करना चाहते थे भाजपा में गोटी सेट
इधर, अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि भाजपा विधायक ने जो आरोप लगाए हैं उस पर जांच बैठ गई है। इसी वजह से कार्यक्रम को स्थगित किया गया है। सूत्र बताते हैं कि बाढ़ नगर परिषद के मुख्य पार्षद राजीव कुमार चुन्ना राजद के नेता हैं, उन्होंने पीएम मोदी-सीएम नीतीश का कई मौके पर विरोध करते हुए ताली-थाली पीटने से लेकर अपने नेता के आह्वान पर कैंडल तक जलाया था। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के नेताओं के लिए खूब जनसंपर्क भी साधा था। लेकिन मामला उस वक्त अटक गया जब उन्हें राजद ने बाढ़ जिलाध्यक्ष की बागडोर नहीं सौंपी। कहा जाता है कि इसी के बाद से राजीव कुमार राजद से खुद का किनारा करने लगे और जोड़ तोड़ की राजनीति कर बाढ़ नगर परिषद के मुख्य पार्षद की कुर्सी पर बैठने में कामयाब रहे। कहा यह भी जाता है कि राजद में उन्हें ज्यादा ‘माइलेज’ नहीं मिलने की वजह से वे इन दिनों अंदरूनी तौर पर भाजपा-जदयू के शरण में जाने की कसरत शुरू कर दी, लेकिन भाजपा या जदयू में शामिल होना इतना आसान नहीं था। इसके लिए उन्होंने बाढ़ नगर परिषद के स्थापना दिवस मनाने का निणर््य लिया और भाजपा के बड़े नेताओं को इस कार्यक्रम में शिकरत करने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन बतौर राजद नेता उन्होंने अपने दल के किसी नेताओं को आमंत्रित करना मुनासिब नहीं समझा।
ज्ञानू के दिमाग में खटका बड़ा सवाल
यह बात बाढ़ विधानसभा से चार बार विधायक रहे ज्ञानू के दिमाग में खटका और उन्होंने बड़ा बयान देकर समारोह के आयोजन पर सवाल खड़ा कर दिया। ज्ञानू को यह महसूस होने लगा कि अगर राजद नेता राजीव कुमार उक्त समारोह के बहाने भाजपा में गोटी सेट करने में सफल रहे तो उन्हें आने वाले समय में बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है, उनका जनाधार खिसक सकता है। आपको बता दें हाल के दिनों में भाजपा विधायक ज्ञानू ने अपने प्रदेश नेतृत्व पर सवाल खड़ा कर काफी किरकिरी करायी थी, जिसे लेकर प्रदेश नेतृत्व भी खफा है।
भाजपा-जदयू के बड़े नेता थे आमंत्रित
गौरलब है कि सोमवार को नगर परिषद के मुख्य पार्षद राजीव कुमार चुन्ना, सभी वार्ड पार्षद एवं समस्त नगर परिषद के अधिकारी तथा कर्मचारी 151वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन करने वाले थे। नगर परिषद के भवन की दीवारों पर मधुबनी पेंटिंग द्वारा अनेक प्रकार की कलाकृति बनाई गई है। समारोह के उद्घाटनकर्ता बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद थे, जबकि अध्यक्षता मुंगेर सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह करने वाले थे, साथ ही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और बिहार सरकार के विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह तथा विशिष्ट अतिथि विधायक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ज्ञानू और विधान परिषद के सदस्य उपेंद्र कुशवाहा, नीरज कुमार एवं संजय सिंह थे। इस अवसर पर नगर विकास हेतु कई जनकल्याणकारी योजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण व शिलान्यास होना था।