November 18, 2025

पटना में ऑटो और ई-रिक्शा पर बारकोड लगाना अनिवार्य, उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना, परमिट की भी होगी जांच

पटना। शहर में यातायात की समस्या और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब शहर की सड़कों पर चलने वाले सभी परमिटधारी ऑटो और ई-रिक्शा पर बारकोड लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। इस नई व्यवस्था से यात्री न केवल सुरक्षित महसूस करेंगे बल्कि परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता भी बढ़ेगी।
बारकोड से मिलेगी पूरी जानकारी
प्रशासन द्वारा लागू किए गए इस सिस्टम के तहत हर ऑटो और ई-रिक्शा पर एक विशेष बारकोड लगाया जाएगा। यात्री अपने मोबाइल से इसे स्कैन करके चालक और वाहन की पूरी जानकारी तुरंत प्राप्त कर सकेंगे। इससे उन्हें भरोसा होगा कि जिस वाहन में वे सफर कर रहे हैं, वह वैध परमिटधारी है और चालक की पहचान स्पष्ट है। विवाद या अपराध की स्थिति में यह जानकारी शिकायत दर्ज कराने और जांच में बेहद मददगार साबित होगी।
उल्लंघन पर जुर्माना और सख्ती
जिन वाहनों पर यह बारकोड नहीं होगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने साफ निर्देश दिया है कि बिना बारकोड वाले ऑटो और ई-रिक्शा को तुरंत जब्त किया जाएगा और चालकों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य परिवहन व्यवस्था को अनुशासित करना और अवैध वाहनों पर रोक लगाना है।
जोन सिस्टम से घटेगा जाम
पटना में लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम को देखते हुए प्रशासन ने शहर को तीन जोन—पीला, नीला और हरा—में विभाजित किया है। हर ऑटो और ई-रिक्शा को अपने तय जोन में ही चलने की अनुमति होगी। इसके अलावा रिजर्व वाहनों के लिए अलग जोन तय किया गया है। इस व्यवस्था से भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही पर रोक लगेगी और मुख्य सड़कों पर यातायात सुगम होगा।
परमिट प्रक्रिया का डिजिटलीकरण
अब परिवहन विभाग ने परमिट प्रक्रिया को भी डिजिटल बना दिया है। वाहन मालिक एक ऑनलाइन पोर्टल पर तीन रूटों के लिए आवेदन कर सकेंगे, हालांकि परमिट केवल एक रूट के लिए ही जारी किया जाएगा। आपातकालीन स्थिति में दूसरे रूट पर चलने की अनुमति मिलेगी, लेकिन उसके लिए भी शर्तें तय की गई हैं। यह व्यवस्था न केवल सुविधाजनक है बल्कि फर्जीवाड़े पर भी रोक लगाएगी।
यात्रियों के लिए भरोसे का नया रास्ता
अक्सर यात्री शिकायत करते थे कि उन्हें चालक की वैधता या वाहन की वास्तविक जानकारी नहीं मिलती। ऐसे मामलों में अपराध की स्थिति में सबूत जुटाना भी मुश्किल होता था। लेकिन अब बारकोड स्कैन करके सारी डिटेल्स मोबाइल पर मिलेंगी, जिससे यात्री आत्मविश्वास के साथ सफर कर सकेंगे। साथ ही प्रवर्तन टीमों के लिए गैरकानूनी वाहनों पर तुरंत कार्रवाई करना आसान होगा।
पारदर्शिता और सुरक्षा की गारंटी
इस तकनीक से परिवहन व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और अपराधों पर लगाम लगेगी। फर्जी चालक या बिना परमिट वाले वाहन अब सड़कों पर मनमानी नहीं कर पाएंगे। यह कदम न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि प्रशासन के लिए भी वाहनों की निगरानी आसान बनाएगा।
भविष्य की दिशा और संभावनाएँ
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पटना में यह प्रयोग सफल रहा तो इसे बिहार के अन्य शहरों में भी लागू किया जा सकता है। बारकोड और जोन सिस्टम से न सिर्फ यातायात व्यवस्था सुधरेगी बल्कि शहरवासियों का भरोसा भी मजबूत होगा। आने वाले दिनों में पटना की सड़कों पर ऑटो और ई-रिक्शा का सफर पहले से ज्यादा अनुशासित और सुरक्षित होगा, जिससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। पटना प्रशासन का यह कदम शहर को स्मार्ट और सुरक्षित परिवहन व्यवस्था की ओर ले जाने वाला है। बारकोड व्यवस्था, जोन सिस्टम और डिजिटलीकरण से जहां एक ओर यातायात की समस्याओं पर काबू पाया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा भी बढ़ेगी। यदि लोग और चालक मिलकर इस नियम का पालन करते हैं, तो पटना की सड़कें जाम से मुक्त और यात्रियों का सफर अधिक सहज और सुरक्षित हो सकेगा।

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