देश में उल्लू और अल्ट बालाजी समेत 24 ओटीटी प्लेटफॉर्म पर बैन, अश्लील कंटेंट को लेकर सरकार ने की कार्रवाई
नई दिल्ली। देश में तेजी से बढ़ते डिजिटल मनोरंजन के बीच केंद्र सरकार ने अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर सख्ती दिखाई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शुक्रवार को 24 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनके ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि ये प्लेटफॉर्म एंटरटेनमेंट के नाम पर यौन रूप से स्पष्ट, अश्लील और समाज विरोधी कंटेंट का लगातार प्रसारण कर रहे थे।
कई बार चेतावनी के बाद उठाया गया कदम
इन ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पहले भी सरकार की ओर से कई बार चेतावनी दी गई थी कि वे अपनी सामग्री को संयमित करें और सामाजिक, नैतिक व कानूनी मानदंडों के अनुरूप बनाए रखें। लेकिन बार-बार की चेतावनियों के बावजूद जब इन प्लेटफॉर्म्स ने अपने कंटेंट में कोई बदलाव नहीं किया तो सरकार को कड़ा कदम उठाना पड़ा। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 67 और 67A, भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 294 और महिलाओं का अभद्र चित्रण (निषेध) अधिनियम, 1986 की धारा 4 के तहत यह कार्रवाई की गई। इन धाराओं के अंतर्गत अश्लील, अभद्र और महिलाओं के अनुचित चित्रण वाले किसी भी प्रकार के डिजिटल प्रसारण को अपराध माना जाता है।
बैन किए गए प्रमुख ऐप्स और प्लेटफॉर्म्स
सरकार की ओर से जिन ओटीटी ऐप्स और वेबसाइट्स पर प्रतिबंध लगाया गया है उनमें उल्लू, अल्ट बालाजी, बिग शॉट्स, देसी फ्लिक्स, नवरस लाइट, बूमेक्स, गुलाब ऐप, जलवा ऐप, कंगन ऐप, हिटप्राइम, फेनियो, शोएक्स, वाव एंटरटेनमेंट, लुक एंटरटेनमेंट, सोल टॉकीज, अड्डा टीवी, हॉटएक्स वीआईपी, हलचल ऐप, मूडएक्स, नियोनएक्स वीआईपी, फ्यूगी, मोजफ्लिक्स और ट्राइफ्लिक्स शामिल हैं। सरकार ने इन ऐप्स को इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स (ISP) से तत्काल ब्लॉक करने को कहा है ताकि आम जनता को ऐसे कंटेंट से दूर रखा जा सके।
पहले भी की जा चुकी है कार्रवाई
इससे पहले मार्च 2023 में भी केंद्र सरकार ने इसी तरह की कार्रवाई करते हुए 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, 19 वेबसाइट्स, 10 मोबाइल ऐप्स और 57 सोशल मीडिया हैंडल्स को ब्लॉक किया था। उन प्लेटफॉर्म्स में ड्रीम्स फिल्म्स, एक्स प्राइम, रैबिट, चिकूफ्लिक्स, बेशरम्स, वूवी, ट्राईफ्लिक्स, मोजफ्लिक्स, नियॉन एक्स वीआईपी, हॉट शॉट्स वीआईपी, फुगी और न्यूफ्लिक्स जैसे नाम शामिल थे।
सामाजिक और नैतिक पक्ष की चिंता
सरकार के इस फैसले को समाज के एक बड़े वर्ग ने सराहा है। डिजिटल माध्यमों के जरिए बच्चों और किशोरों तक आसानी से आपत्तिजनक सामग्री पहुंच रही थी, जिससे उनकी मानसिकता पर गहरा असर पड़ रहा था। वहीं दूसरी ओर, महिलाओं की छवि को भी इन कार्यक्रमों में बेहद अशोभनीय ढंग से पेश किया जा रहा था, जो महिलाओं के सम्मान और गरिमा के खिलाफ था।
ओटीटी पर नियंत्रण की जरूरत
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स मनोरंजन का नया और स्वतंत्र जरिया हैं, लेकिन जब यह स्वतंत्रता मर्यादा लांघने लगे, तो नियंत्रण आवश्यक हो जाता है। सरकार का यह कदम न केवल डिजिटल माध्यम की सफाई की दिशा में है, बल्कि समाज में नैतिकता, मर्यादा और कानून व्यवस्था बनाए रखने का प्रयास भी है। यह कार्रवाई डिजिटल दुनिया के लिए एक चेतावनी है कि व्यावसायिक लाभ के नाम पर किसी भी प्रकार का अनैतिक या अवैध कंटेंट प्रसारित नहीं किया जा सकता। भविष्य में यह उम्मीद की जा सकती है कि अन्य प्लेटफॉर्म्स भी इससे सबक लेकर अपने कंटेंट की गुणवत्ता और वैधानिकता का ध्यान रखेंगे।


