आरबीआई ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर लगाया बैन, ग्राहकों को पैसे निकालने में होगी परेशानी

नई दिल्ली। बैंकिंग सेक्टर के रेगुलेटर रिजर्व आरबीआई ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। इसका सबसे अधिक असर बैंक के ग्राहकों के ग्राहकों पर पड़ेगा, जो अपने खून-पसीने की कमाई अब नहीं निकाल सकेंगे। आरबीआई के बैन के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक अब न कोई लोन दे सकेगा और न ही कोई डिपॉजिट ले सकेगा। यह प्रतिबंध 14 फरवरी 2025 से अगले छह महीनों के लिए लागू हो चुका है। इससे ग्राहकों को भी परेशानी होगी, क्योंकि वे अपने बैंक में जमा अपने पैसे अब नहीं निकाल सकेंगे। हालांकि, इस दौरान आरबीआई बैंक के कामकाज की बारीक जांच करेगा और वह प्रतिबंध की अवधि खत्म होने के बाद जरूरी रियायत भी दे सकता है। आरबीआई ने अपने बयान में कहा, “मौजूदा कैश (लिक्विडिटी) को ध्यान में रखते हुए बैंक को निर्देश दिया गया है कि वह किसी भी जमाकर्ता को बचत खाते, चालू खाते या किसी अन्य खाते से धन निकालने की अनुमति न दे।” हालांकि, बैंक को लोन को जमा राशि के खिलाफ समायोजित (सेट ऑफ) करने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कि यह आरबीआई के जारी निर्देशों के अनुसार हो। इसके अलावा, बैंक वेतन, किराया और बिजली बिल जैसी जरूरी चीजों पर खर्च कर सकता है। आरबीआई का कहना है कि उसे न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज में गंभीर खामियां मिली है। उसने बैंक पर सख्त पाबंदियां लगाने का निर्देश जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए जारी किया है। आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि, 13 फरवरी, 2025 को बैंक के कारोबार बंद होने के बाद से बैंक बिना उसके अनुमति के ना को कोई लोन या एडवांस रकम देगा या उसे रिन्यू करेगा। आरबीआई के निर्देश के मुताबिक, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब अपने जमा को निकाल नहीं पाएंगे। अगर आरबीआई जांच के बाद बैंक को किसी तरह की राहत देता है, तो ग्राहक अपने पैसे निकाल सकेंगे। ऐसा न होने की सूरत में जमाकर्ताओं को अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा क्लेम मिल जाएगा। यह क्लेम डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से मिलेगा।
