विधान परिषद के नए सभापति बने अवधेश नारायण, सर्वसम्मति से हुआ चयन

पटना। विधान परिषद में मंगलवार को सभापति के रूप में अवधेश नारायण सिंह के नाम की घोषणा हुई। उन्हें सर्वसम्मति से सभापति चुन लिया गया है। 23 प्रस्ताव आए थे। राजद से राबड़ी देवी और माले से शशि यादव ने भी समर्थन दिया। वहीं, सीएम नीतीश कुमार और विरोधी दल की नेता राबड़ी देवी ने अवधेश नारायण सिंह को आसान पर बैठाया। एमएलसी संजीव कुमार सिंह पीठासीन पदाधिकारी थे। मानसून सत्र के पहले दिन ही उन्होंने सभापति के लिए अपना नामांकन कर दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी उनके नाम की प्रस्तावक हैं। महीने भर पहले अवधेश नारायण सिंह को कार्यकारी सभापति बनाया गया था। विधान परिषद की कार्रवाई शुरू होने से पहले मुख्य विपक्षी दल आरजेडी के नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के नेतृत्व में विधान परिषद पोर्टिको में जबरदस्त नारेबाजी की। बिहार को विशेष राज्य के दर्जे को लेकर राबड़ी देवी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है। सोमवार को लालू प्रसाद यादव ने भी नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा था। राबड़ी देवी ने मंगलवार को कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार नहीं दे रही है तो नीतीश कुमार को इस्तीफा दे देना चाहिए। पहले नीतीश कुमार उधर से इस्तीफा दें। हालांकि राबड़ी देवी से पत्रकारों ने सवाल किया कि नीतीश कुमार एनडीए से इस्तीफा देते हैं तो क्या मुख्य विपक्षी दल नीतीश कुमार का स्वागत करेगा। इसको लेकर राबड़ी देवी ने कहा कि पहले उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। वहीं केंद्रीय बजट को लेकर राबड़ी देवी ने कहा कि यह बजट एक झुनझुना है। इस बजट से आम लोगों को कोई फायदा नहीं होगा। उपसभापति के लिए जेडीयू एमएलसी और हिंदी साहित्य के लेखक प्रोफेसर रामवचन राय के नामांकन भरने की पूरी उम्मीद है। जानकारी है कि उनको भी सर्वसम्मति से विधान परिषद का उपसभापति चुन लिया जाएगा। इससे पूर्व आरजेडी के रामचंद्र पूर्व उपसभापति थे। अवधेश नारायण सिंह बीजेपी के उन नेताओं में से हैं, जिनके संबंध मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से काफी बेहतर रहे हैं। 2023 में हुए एमएलसी के चुनाव में उन्होंने गया स्नातक क्षेत्र से आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे पुनीत सिंह को हराया था। अवधेश नारायण सिंह छठी बार एमएलसी का चुनाव जीते हैं। वे पहली बार रांची से स्नातक विधान परिषद से चुनाव मैदान में उतरे थे और जीते थे। इसके बाद गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और लगातार जीतते रहे। बिहार विधान परिषद के उपसभापति और सभापति के पद पर रह चुके हैं। 22 जून 1948 को जन्मे अवधेश नारायण सिंह बीजेपी में सॉफ्ट नेचर वाले नेता हैं। 1993 से लगातार बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं। अवधेश नारायण सिंह 2012 से 2017 तक बिहार विधान परिषद के सभापति रहे हैं। 2020 से 2022 तक उच्च सदन के कार्यकारी सभापति रहे हैं। बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बिहार विधान परिषद में सभापति के निर्वाचन के अलावा प्रश्नोत्तर काल है। बिहार दिव्यांगजन अधिकार संशोधन नियमावली 2024 की अधिसूचना की प्रति रखी जाएगी। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा निर्गत कुल 21 नियमावलियों की पुस्तिका सदन की मेज पर रखा जाएगा।

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