पंचायती राज विभाग के संविदा कर्मियों की भी बनेगी बायोमेट्रिक हाजिरी, निर्देश जारी, शुरूआत जल्द
पटना। बिहार के पंचायती राज विभाग में जल्द ही एक नई व्यवस्था लागू होने जा रही है, जो ग्राम स्तर पर सरकारी कामकाज की पारदर्शिता और जवाबदेही को और मजबूत करेगी। विभाग ने संविदा कर्मियों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए मई से बायोमेट्रिक हाजिरी को अनिवार्य करने का निर्णय लिया है।
ग्राम सचिवों को अब देना होगा हाजिरी का प्रमाण
इस नई व्यवस्था के तहत ग्राम कचहरी सचिवों सहित सभी संविदा कर्मियों को कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी। यदि कोई कर्मी बिना हाजिरी लगाए कार्यालय नहीं आता है, तो उसे मानदेय का भुगतान नहीं किया जाएगा। इस नियम से उन शिकायतों का समाधान हो सकेगा जिसमें बताया गया था कि संविदा कर्मी कार्यालय में अनुपस्थित रहते हैं और लोगों को उनके काम के लिए इंतजार करना पड़ता है।
बायोमेट्रिक सिस्टम को जोड़ा जा रहा है सॉफ्टवेयर से
पंचायती राज विभाग ने बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली को अपने बी बैस सॉफ्टवेयर से एपीआई के माध्यम से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जैसे ही कोई कर्मचारी बायोमेट्रिक हाजिरी लगाएगा, उसकी उपस्थिति सीधे सॉफ्टवेयर पर अपलोड हो जाएगी। इससे अधिकारियों को यह जानकारी भी मिलेगी कि कौन कर्मचारी उपस्थित है और कौन नहीं।
विशेष परिस्थितियों में मिलेगी छूट
हालांकि, कुछ परिस्थितियों में बायोमेट्रिक हाजिरी के बिना भी मानदेय मिल सकेगा। उदाहरण के तौर पर अगर कोई कर्मी प्रशिक्षण या किसी आवश्यक कार्यवश कार्यालय नहीं आ सका है, तो उचित अनुमति और दस्तावेज़ीकरण के आधार पर उसे भुगतान किया जा सकेगा।
12 हजार संविदा कर्मियों पर लागू होगी व्यवस्था
पंचायती राज निदेशक आनंद शर्मा के अनुसार इस समय विभाग में करीब 12 हजार संविदा कर्मी कार्यरत हैं। इनमें लगभग 7500 ग्राम पंचायत सचिव हैं। इसके अलावा न्याय मित्र, तकनीकी सहायक, लेखापाल सह आईटी सहायक, आरटीपीएस कार्यालय सहायक और प्रखंड कार्यपालक सहायक भी इस व्यवस्था के दायरे में आएंगे।
कामकाज में आएगी पारदर्शिता
इस निर्णय का मकसद गांवों में सरकारी सेवाओं को समय पर और सुचारु रूप से उपलब्ध कराना है। अक्सर देखा जाता है कि संविदा कर्मियों की अनुपस्थिति के कारण लोगों को सरकारी काम करवाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होने से इस समस्या का समाधान होगा।
ट्रायल जल्द होगा पूरा
विभाग के अनुसार, इस महीने के अंत तक बायोमेट्रिक प्रणाली का ट्रायल पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद मई महीने से यह व्यवस्था पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी। उम्मीद है कि इससे पंचायत स्तर पर सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा और आम जनता को लाभ मिलेगा।


