November 28, 2025

पटना में येस बैंक के एटीएम से छेड़छाड़ और लूटपाट की कोशिश, एक गिरफ्तार, पुलिस देखकर चार भागे

पटना। गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में गुरुवार देर रात एक गंभीर घटना सामने आई, जिसने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए। अनीसाबाद में स्थित येस बैंक के एटीएम में 4 से 5 बदमाश घुस गए और मशीन से रुपए निकालने का प्रयास करने लगे। उनकी यह कोशिश सफल होने से पहले ही बैंक की निगरानी प्रणाली ने गतिविधि को पकड़ लिया और पुलिस को समय रहते सूचना दे दी गई। इस तेजी से हुई कार्रवाई के कारण एक आरोपी मौके से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसके अन्य साथी भागने में सफल रहे।
एटीएम में घुसकर तोड़फोड़ की कोशिश
घटना शुक्रवार की सुबह लगभग तीन बजे की बताई जाती है, जब बदमाशों ने एटीएम के भीतर घुसकर मशीन को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश की। इन लोगों ने मशीन के पैनल और सीसीटीवी को नुकसान पहुँचाया ताकि उनकी गतिविधि रिकॉर्ड न हो सके। हालांकि, बैंक की सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम इतने संवेदनशील अलर्ट से लैस है कि थोड़ी सी भी छेड़छाड़ की जानकारी तुरंत कंट्रोल रूम को मिल जाती है। यही कारण रहा कि इस वारदात को समय रहते रोक लिया गया।
सेंट्रल मॉनिटरिंग टीम की सतर्कता
येस बैंक की निगरानी टीम ने एटीएम से असामान्य गतिविधि का इनपुट मिलते ही तुरंत ब्रांच मैनेजर और स्थानीय पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुँची। जब पुलिस एटीएम के पास पहुंची, तब बदमाश भागने की फिराक में थे। पुलिस को देखते ही उनमें अफरातफरी मच गई। एक आरोपी को तो पुलिस ने वहीं पकड़ लिया, लेकिन बाकी चार साथी तेजी से भाग निकले।
एटीएम में पकड़ा गया आरोपी और उसका बयान
पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की पहचान महुआबाग निवासी विकास कुमार के रूप में हुई है। गिरफ्तार होने के बाद उसने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि इस घटना में उसके साथ ब्रजेश गोप, हॉर्लिक्स गोप, रंगदार गोप, कुंदन यादव, मोनू राय और राजत सरकार शामिल थे। विकास का कहना है कि इन सभी ने उसे खोजा इमली के पास शराब पिलाई और फिर योजना बनाकर एटीएम लूटने के लिए उसे साथ ले गए। उसके अनुसार पूरी योजना बड़े समूह ने मिलकर बनाई थी। आरोप यह भी है कि साथी बदमाशों ने विकास को सबसे पहले एटीएम के अंदर भेजा और बाहर से निगरानी करते रहे। जब पुलिस की गाड़ी वहां पहुंची, तो सभी साथी बाहर से दरवाजा बंद कर भाग निकले, जिसके कारण वह मशीन के भीतर ही फंस गया और पकड़ा गया।
सीसीटीवी और मशीन को हुआ नुकसान
घटना के बाद ब्रांच मैनेजर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि एटीएम के अंदर स्पष्ट रूप से तोड़फोड़ की गई है। मशीन के कई हिस्से क्षतिग्रस्त मिले हैं और सीसीटीवी कैमरों के तार काटे गए हैं। हालांकि, कितने का नुकसान हुआ है, इसका मूल्यांकन फिलहाल किया जा रहा है। सीसीटीवी फुटेज को पुनः प्राप्त करने की कोशिशें भी जारी हैं ताकि फरार बदमाशों की पहचान स्पष्ट रूप से हो सके।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने मौके से मिले कई तकनीकी साक्ष्य जब्त किए हैं और आरोपी विकास के बयान के आधार पर अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस टीम ने महुआबाग सहित आसपास के इलाकों में छापेमारी तेज कर दी है। चूंकि सभी आरोपी एक ही इलाके के हैं, इसलिए पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही सभी की गिरफ्तारी संभव होगी। विकास ने अपने बयान में यह भी दावा किया है कि भागने के दौरान उसके साथियों ने उस पर चाकू से हमला किया, जिसके कारण उसका हाथ घायल हो गया। इसका उद्देश्य शायद पुलिस की पकड़ से बचना और पूरी जिम्मेदारी विकास पर डाल देना था। पुलिस इस दावे की भी जांच कर रही है कि हमला वास्तव में हुआ या आरोपी द्वारा बचाव में दिया गया बयान है।
शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर चिंताएं पैदा कर दी हैं। एटीएम जैसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा की निगरानी तो रहती है, लेकिन बदमाश इतनी आसानी से प्रवेश कर जाते हैं, यह सोचने वाली बात है। हालांकि इस मामले में बैंक की मॉनिटरिंग प्रणाली का तेज़ अलर्ट घटनास्थल पर पुलिस को पहुँचाने में अत्यंत उपयोगी साबित हुआ। एटीएम लूटने की कोशिश भले ही असफल हो गई हो, लेकिन इसने यह स्पष्ट कर दिया है कि अपराधी लगातार नई-नई तरीकों से अपराध की कोशिश में रहते हैं। इसलिए शहर में सुरक्षा व्यवस्था और कठोर निगरानी की आवश्यकता और अधिक महसूस होती है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस, बैंक और स्थानीय प्रशासन को लगातार सतर्कता और समन्वय बनाए रखने की जरूरत है।

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