पाकिस्तान में यात्रियों की बस पर हमलावरों का अटैक, 9 लोगों की गोली मारकर हत्या
नई दिल्ली। पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत से एक और खौफनाक खबर सामने आई है, जहां सशस्त्र हमलावरों ने एक यात्री बस को निशाना बनाते हुए 9 निर्दोष लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है और बलूचिस्तान में व्याप्त असुरक्षा की गंभीर स्थिति को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
बस रोककर यात्रियों को बनाया निशाना
यह हमला झोब शहर के पास उस समय हुआ जब एक यात्री बस क्वेटा से लाहौर जा रही थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमलावरों ने बस को बीच रास्ते में रोका और यात्रियों को जबरन उतार लिया। इसके बाद उन्होंने उनकी पहचान की और जानबूझकर 9 लोगों को चुनकर गोली मार दी। यह हमला पूरी तरह योजनाबद्ध और पूर्वनियोजित प्रतीत होता है, जिसमें निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया।
स्थानीय प्रशासन की पुष्टि और शुरुआती जांच
झोब जिले के पुलिस उपायुक्त नावेद आलम ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मारे गए सभी लोगों के शवों को बारखान जिले के रेखनी अस्पताल में भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह हमला रात के अंधेरे का फायदा उठाकर किया गया और हमलावर मौके से फरार हो गए। उनकी तलाश के लिए अभियान चलाया जा रहा है।
घटना को बताया गया आतंकवादी हमला
बलूचिस्तान के अधिकारियों और प्रांतीय सरकार ने इस पूरी घटना को एक आतंकवादी हमला बताया है। सरकार के प्रवक्ता शाहिद रिंद ने इसे निर्दोष लोगों पर कायराना हमला बताया और कहा कि आतंकवादियों ने पहचान के आधार पर लोगों को चुनकर मारा। उन्होंने कहा कि यह न केवल मानवता के खिलाफ अपराध है, बल्कि देश की अखंडता पर भी सीधा हमला है।
मुख्यमंत्री का तीखा बयान, भारत पर लगाए आरोप
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ‘खुला आतंकवाद’ करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हमले के तार फित्ना-ए-हिन्दुस्तान से जुड़े हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन आतंकवादियों ने पाकिस्तानी पहचान वाले मासूम नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया है, जिससे स्पष्ट होता है कि इनका उद्देश्य देश को अस्थिर करना है। उन्होंने कहा कि इसका जवाब मजबूत और निर्णायक होगा और मासूमों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा।
अन्य इलाकों में भी आतंकियों की सक्रियता
इस घटना के समानांतर बलूचिस्तान के अन्य क्षेत्रों — जैसे क्वेटा, लोरालाई और मस्तुंग — में भी चरमपंथियों द्वारा तीन अलग-अलग आतंकवादी हमले किए गए। हालांकि, सरकारी प्रवक्ता शाहिद रिंद ने दावा किया कि सुरक्षा बलों ने इन सभी हमलों को विफल कर दिया। बलूच मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, चरमपंथियों ने रात के समय कई स्थानों पर हमला कर सरकारी प्रतिष्ठानों, पुलिस थानों, संचार टावरों और बैंकों को भी निशाना बनाया।
प्रांत में बढ़ती अस्थिरता और चुनौतियाँ
बलूचिस्तान लंबे समय से अलगाववादी आंदोलनों और आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ बना हुआ है। हाल के वर्षों में पाकिस्तान सरकार को यहां लगातार हिंसा, विद्रोह और सुरक्षा बलों पर हमलों का सामना करना पड़ रहा है। मार्च में ही बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने एक ट्रेन को हाईजैक किया था, जो इस क्षेत्र की अस्थिरता को दर्शाता है। इस ताज़ा घटना ने एक बार फिर सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। जबकि आम नागरिक लगातार डर और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर हैं, वहीं प्रशासन के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि वह न केवल आतंकवादियों पर निर्णायक कार्रवाई करे, बल्कि स्थानीय जनता का विश्वास भी बहाल करे।


