प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने छोड़ी पार्टी, सभी पदों से दिया इस्तीफा

पटना। बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने इस आशय का पत्र पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को भेज दिया है। असित से पहले रविवार को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कांग्रेस से 39 वर्षों का अपना नाता तोड़ लिया था। बिहार में कांग्रेस छोड़ने का सिलसिला तेज हो गया है। रविवार को पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा के बाद अजय सिंह टुन्नू ने भी पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी। वे बिहार कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे। प्रेस-विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र की घोषणा की। असित नाथ तिवारी ने अपना त्यागपत्र प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह को भेज दिया है। उन्होंने इसके पीछे कोई खास कारण नहीं बताया है। कहा है कि नितांत व्यक्तिगत वजह से पार्टी की जिम्मेदारी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितने दिनों तक कांग्रेस में रहा, काफी बेहतर अनुभव हासिल किया। सभी पार्टी जनों का सहयोग मिला। पार्टी छोड़ते हुए उन्होंने किसी भी नेता पर कोई आरोप नहीं लगाया है। 2020 के लोकसभा चुनाव में असित तिवारी कांग्रेस में शामिल हुए थे। पार्टी ने उन्हें प्रवक्ता पर की जिम्मेदारी दी थी। असित नाथ तिवारी का त्यागपत्र कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका है क्योंकि जितनी मजबूती से वह मीडिया में या अन्य मंचों पर अपनी पार्टी को डिफेंड करते थे वैसे नेताओं की कमी है। असित नाथ तिवारी ने अपना अगला कदम नहीं बताया है हालांकि इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने पार्टी छोड़ी तो बीजेपी में चले गए। वे आजकल कांग्रेस पर जमकर हमलावर रहते हैं। इससे पहले रविवार को बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। लोकसभा चुनाव के समय बिहार में कांग्रेस नेताओं का पार्टी से मोहभंग होना पार्टी के लिए खतरनाक संकेत है। दरअसल अनिल शर्मा अनदेखी से नाराज हैं। उन्हें काफी समय से संगठन में कोई बड़ा पद नहीं मिला। उन्होने महागठबंधन में रहते हुए जातीय गणना के आंकड़ों पर सवाल उठाए थे। अनिल शर्मा ने इस्तीफा देने के बाद कहा कि 1998 में जब से आरजेडी का कांग्रेस से गठबंधन हुआ तब से इस गठबंधन का विरोध करता आ रहा हूं। आरजेडी के साथ कांग्रेस का गठबंधन करना आत्मघाती कदम है। लालू यादव के कारण कांग्रेस बिहार में वोट कटवा पार्टी बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष रहते मैं पप्पू यादव का विरोध करता था। वह कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। अब उनका भी महिमामंडन करना पड़ेगा जो दुखद है।

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