अशोक चौधरी ने श्याम रजक से पूछा : आप कैसे छात्र हैं, 10 साल तक पता ही नहीं चला नीतीश दलित विरोधी हैं
पटना। 10 साल जदयू में रहकर राजद में घर वापसी करने वाले पूर्व मंत्री श्याम रजक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दलित विरोधी कहा था। उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए जदयू नेता व मंत्री अशोक चौधरी ने श्याम रजक के आरोपों का करारा जवाब दिया।
मंगलवार को अशोक चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं यह समझने में श्याम रजक को दस साल लग गए। स्कूल में पढ़ने वाला छात्र साल भर में समझ जाता है कि शिक्षक क्या पढ़ा रहे हैं। श्याम कैसे छात्र हैं, जिन्हें 10 साल तक पता ही नहीं चला कि नीतीश उन्हें क्या पढ़ा रहे हैं। श्याम को साल-डेढ़ साल में ही समझ जाना चाहिए था। इसी से पता चलता है कि आप कितने होशियार विद्यार्थी हैं। श्री चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता सब जानती है। आप 10 साल नीतीश के साथ रहे, दो बार मंत्री बने और अब पार्टी छोड़कर गए हैं तो दलित विरोधी का राग अलापने लगे। सबसे बड़ा प्रश्नचिह्न तो आप पर लगता है कि अगर नीतीश कुमार दलित विरोधी हैं तो दस साल तक साथ क्यों रहे? आपकी कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
सीएम नीतीश ने किया दलितों का उत्थान
जदयू नेता ने श्याम रजक को नीतीश सरकार द्वारा दलितों के किए गए उत्थान पर संक्षिप्त विवरण पेश करते हुए कहा कि कहा कि 2015 में जनता ने नीतीश कुमार को काम करने का मौका दिया था। तब अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 40 करोड़ रुपए का बजट था। 2020-2021 के बजट में 1600 करोड़ से अधिक दिए गए हैं। नीतीश सरकार यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी के लिए दलित वर्ग के विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता दे रही है। पढ़े-लिखे दलित को उद्यम शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है। बेरोजगार दलित युवाओं के लिए परिवहन योजना शुरू की गई है। एससी और एसटी के 6500 साथी ने परिवहन योजना का लाभ उठाया है। जो व्यक्ति दूरदर्शी होता है वह समझता है कि जब तक हाशिए पर मौजूद लोगों को मुख्यधारा में नहीं जोड़ते हैं तब तक इस प्रदेश को 21वीं सदी में नहीं ले जा सकते। उस सोच के साथ नीतीश कुमार ने इन योजनाओं का निर्माण किया और दलितों का उत्थान किया।