December 8, 2025

घमंडिया गठबंधन चारों खाने चित : प्रभाकर मिश्र

  • सैंकड़ा का आंकड़ा भी नहीं छू सके JDU के ज्यादातर उम्मीदवार, जदयू की मिट्टी हुई पलीद : प्रभाकर
  • चुप क्यों हैं घमंडिया गठबंधन के कथित सूत्रधार, कांग्रेस का चरित्र हुआ उजागर

पटना। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने कहा कि 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में ‘घमंडिया’ गठबंधन कहां है‌? चुनाव नतीजों में ‘घमंडिया’ गठबंधन चारों खाने चित हो गया। वही इस चुनाव में जदयू के भी कैंडिडेट अपनी किस्मत आजमाये लेकिन, चुनाव के बाद जो रिजल्ट निकल कर सामने आए हैं। उससे नीतीश कुमार भी मिट्टी-पलीद हो गयी है। जदयू के अधिकतर कैंडिडेट सैंकड़ा के आंकड़े भी नहीं छू पाये। मिश्र ने आगे कहा कि जदयू अपने संगठन विस्तार देने व खुद को राष्ट्रीय पार्टी बनाने की कोशिश में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में किस्मत तो जरूर आजमाई। लेकिन, इनके कैंडिडेट कहीं भी मैदान में नजर ही नहीं आए। इतना ही नहीं इनके एक उम्मीदवार तो मैदान छोड़ कर ही भाग ही गए। चुनाव परिणाम में जदयू ने जिन 10 विधानसभा सीटों पर किस्मत आजमाई है। उसमें जदयू का तीर कहीं निशाने पर नहीं लगा। इनके आधा से अधिक उम्मीदवार को 150 वोट तक नहीं मिले हैं। वही इस बार के चुनाव में जदयू के लिए पिछोर सीट से चंद्रपाल यादव मैदान में थे, जिनको मात्र 72 मत मिले है।

उसके बाद राजनगर सीट से रामकुंवर रायकवार को 272 वोट मिले हैं। वही इसके आलावा विजय राघवगढ़ सीट से शिव नारायण सोनी को 61 वोट हासिल हुआ है। आलम यह है कि ‘घमंडिया’ गठबंधन के कथित सूत्रधार नीतीश कुमार मौनी बाबा बन गये हैं। चुनाव परिणाम पर वे अपनी बात क्यों नहीं रख रहे। मिश्र ने आगे कहा कि इस चुनाव ने ‘घमंडिया’ गठबंधन का घमंड तोड़ने के साथ-साथ कांग्रेस का चरित्र भी उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने कभी नहीं चाहा कि कोई क्षेत्रीय दल आगे बढ़े। तेलंगाना के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस की हिमायत करनेवाले क्षेत्रीय दलों की आंखें खुल गयी होंगी। मिश्र ने आगे कहा कि कांग्रेस ने हमेशा छोटे दलों का शिकार किया है, उसमें इतनी हिम्मत नहीं जो भाजपा का मुकाबला कर सके। घमंडिया गठबंधन के दल कभी भी भाजपा को टक्कर नहीं दे सकते, ये आपस में ही सिर फुटौवल करेंगे। जदयू के एक नेता का बयान हास्यास्पद है, घमंडिया गठबंधन 2024 में NDA को चुनौती देगा। ठीक ही कहा गया है, घर में नहीं दाने और अम्मा चली भुनाने।

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