November 19, 2025

राजौरी में सेना का सर्च ऑपरेशन, संदिग्ध गतिविधि के बाद कार्रवाई, दो दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग

राजौरी। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से एक बार फिर एक बड़ी घटना टल गई। एलओसी से सटे अग्रिम इलाकों में बुधवार की सुबह संदिग्ध गतिविधि दिखाई देने के बाद सेना ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कार्रवाई की। इस दौरान दो दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग की गई और साथ ही व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान भी चलाया गया।
घने जंगलों की आड़ में देखी गई संदिग्ध हलचल
बुधवार की सुबह सुरक्षा बलों ने राजौरी जिले के अग्रिम क्षेत्र में घने जंगलों के बीच संदिग्ध हलचल देखी। इस हलचल में तीन से चार लोगों के शामिल होने की आशंका जताई गई। सुरक्षा बलों ने तत्काल प्रतिक्रिया दी और दो दर्जन से अधिक गोलियां चलाईं। किसी भी संभावित खतरे को रोकने के लिए ड्रोन की मदद से भी इलाके की निगरानी की गई। हालांकि तलाशी अभियान के दौरान किसी संदिग्ध व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला।
अन्य जिलों में भी व्यापक तलाशी अभियान
सिर्फ राजौरी ही नहीं, बल्कि पुंछ, सांबा और कठुआ जिलों में भी मंगलवार को संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान चलाया। पुंछ जिले के सुरनकोट और मेंढर के क्षेत्रों जैसे सारी, उस्तान, पठानखोर, लोहार मोहल्ला, चांदीमढ़, फागल, हरि टॉप, कागवाली, लिम्बा, उच्चद और कल्लर-गुरसाई में तलाशी ली गई। इन अभियानों में स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ और राष्ट्रीय राइफल्स की विशेष इकाइयों ने हिस्सा लिया। हालांकि इन सभी स्थानों से कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कठुआ और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी सतर्कता
कठुआ जिले में भी जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में सघन तलाशी अभियान चलाया। यह अभियान किसी भी घुसपैठ या संदिग्ध गतिविधि को रोकने के उद्देश्य से किया गया। इन इलाकों की भौगोलिक स्थिति और सीमाओं की संवेदनशीलता को देखते हुए नियमित तौर पर निगरानी की जा रही है।
अमरनाथ यात्रा को लेकर विशेष सतर्कता
इसी बीच, अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को लेकर भी सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया जा रहा है। उधमपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आमोद नागपुरे ने एक ब्रीफिंग सत्र की अध्यक्षता की, जिसमें 3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के दौरान तैनात अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। इस बैठक में विशेष रूप से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, संवेदनशील स्थानों पर चौकसी, प्रभावी यातायात नियंत्रण, आकस्मिक योजनाएं और आपात स्थितियों से निपटने की रणनीतियों पर चर्चा की गई।
सुरक्षा एजेंसियों को दी गई जिम्मेदारी
एसएसपी नागपुरे ने अधिकारियों को तीर्थयात्रियों को समय पर सहायता प्रदान करने, आपदा प्रबंधन टीमों के साथ समन्वय बनाए रखने और सामुदायिक सहभागिता को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत रिपोर्टिंग होनी चाहिए ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से समय रहते निपटा जा सके।
पहलगाम हमले के बाद कड़ी निगरानी
हाल ही में पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को अत्यंत कड़ा कर दिया गया है। सेना और पुलिस हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रख रही हैं। एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के सभी इलाकों में चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भी तरह की आतंकी साजिश को समय रहते नाकाम किया जा सके। कुल मिलाकर, राजौरी और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा बलों की सतर्कता ने संभावित खतरे को टालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हालांकि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है, फिर भी लगातार की जा रही तलाशी और निगरानी से यह साफ है कि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी जोखिम को हल्के में नहीं ले रही हैं। आने वाले दिनों में अमरनाथ यात्रा के दौरान भी यह चौकसी और अधिक सख्त रहने की संभावना है।

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