शिक्षक बहाली में उत्पन्न संशय को दूर करे बिहार सरकार : राजेश राठौड़

पटना। एसटीईटी-2019 पर बिहार सरकार द्वारा शिक्षक बहाली में उत्पन्न किये गए संशय को लेकर बिहार कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन राजेश राठौड़ ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि माध्यमिक शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में सरकार को पारदर्शिता अपनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा एसटीईटी-2019 के पेपर एक और दो का अंतिम परिणाम जारी किया गया तो दो तरीके का रिजल्ट देखने को मिला। एक में अभ्यर्थी उत्तीर्ण हैं लेकिन मेधा सूची से बाहर हैं, जबकि दूसरे में अभ्यर्थी उत्तीर्ण भी हैं और मेधा सूची में भी हैं। जबकि 12 मार्च को शिक्षा मंत्री ने कहा था कि जितनी खाली सीट थी, उतने ही लोग पास कराएं गए हैं। जिसका स्पष्ट मतलब था कि जो लोग उत्तीर्ण थे उन सबकी बहाली निश्चित थी, बावजूद इसके अब सरकार अपने ही कही बातों से मुकर रही है।
श्री राठौड़ ने कहा कि यह सरासर राज्य सरकार द्वारा असंवैधानिक कार्य किया जा रहा है, जिससे अभ्यर्थियों के मन में संशय की स्थिति पैदा हो रही है। राज्य सरकार इस मामले को भी कोर्ट में घसीटवाने के लिए ऐसा कर रही है ताकि नियुक्ति प्रक्रिया को विलंबित किया जा सकें। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों की मांग पर सरकार को अविलंब सुनवाई करनी चाहिए और जिलावार, विषयवार और कोटि के अनुसार रिक्तियों को लेकर केंद्रीयकृत प्रक्रिया अपनाकर आनलाइन आवेदन लेकर अभ्यर्थियों से उनके पसंदीदा जिले की सूची मांगकर बहाली प्रक्रिया को आरंभ करनी चाहिए, साथ ही वैसे तमाम अभ्यर्थियों को मौका मिलनी चाहिए, जो पूर्व में उत्तीर्ण हो चुके हैं।

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