बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी, रिसर्च विभाग के चेयरमैन आनन्द माधव ने जनतंत्र और संविधान की के लिए लोगों से की सड़क पर आने की अपील

देश की आवाज़ हैं राहुल गाँधी, संविधान की धज्जियाँ उड़ा रही है मोदी सरकार ।

पटना। बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी, रिसर्च विभाग के चेयरमैन, श्री आनन्द माधव ने एक बयान जारी कर बिहार की आम जनता से, जनतंत्र की रक्षा के लिये, संविधान की रक्षा के लिये सड़क पर आने की अपील की है। उन्होंने जनता में विश्वास जताता हुआ कहा कि जनता न्याय का मार्ग चुनेगी और इस देश के संविधान की आत्मा की रक्षा के लिये हमारा साथ देंगे। अपने अपील में उन्होंने लिखा है कि, राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित हो प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हमारे नेता राहुल गांधी जी को अनावश्यक परेशान एवं मानसिक रूप से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से लगातार रोज दस दस घंटे उनसे पूछताछ की जा रही और पानी तक के लिये नहीं पूछा जा रहा है। दिल्ली अवस्थित हमारे मुख्यालय 24 अकबर रोड, जो हमारा मंदिर है, उसमें 15 जून को घुस कर जबरन पुलिसिया कार्यवाही की गई। दिल्ली पुलिस ने वर्तमान सांसदों, पूर्व मंत्रियों, कांग्रेस के अधिकारियों के साथ जो मारपीट और दुर्व्यवहार किया वह अशोभनीय एवं असंवैधानिक है। हद तो तब पार हो गई, जब दिल्ली पुलिस ने महिला सांसद के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया। दिल्ली पुलिस का यह आपराधिक अतिचार अति निंदनीय है। आज़ादी के बाद शायद पहली बार किसी राष्ट्रीय पार्टी के कार्यालय में पुलिस द्वारा इस तरह का दुर्व्यवहार सामने आया है।
जनता से उन्होंने प्रश्न पूछते हुए कह का, क्या आपने सोचा कि ऐसा क्यों हो रहा है? क्रोनोलॉजी समझने का प्रयास कीजिये :
1. देश में आज राहुल गाँधी जी एक मात्र नेता हैं, जो केन्द्र सरकार के अन्याय पूर्ण नीतियों के ख़िलाफ़ लड़ रहे हैं और आवाज़ उठा रहे है। उनकी आवाज़ जो आज जनता की आवाज़ बन चुकी है, सरकार उसको दबाना चाहती है।
2. जब चीन हमारे सरज़मीं पर घुसा तो राहुल जी ने आवाज़ उठाई, पर प्रधानमंत्री जी ने कहा ना ह्लकोई घुसा है, ना कोई आया हैह्व, पर सच सब जानते हैं कि चीन द्वारा किये गये अतिक्रमण में हमारे जवान शहीद हुए थे। आज दो साल बीतनें पर भी सरकार चीन को वापस खदेड़ नहीं पाई है।
3. महंगाई से बदहाल जनता के लिये राहुल जी लगातार आवाज़ उठा रहे हैं, चाहे वह पेट्रोल डीज़ल की क़ीमत हो या रसोई गैस की या फिर टमाटर या प्याज़ की । ग़रीबों, नौकरी पेशा लोगों, छोटे व्यापारियों, छोटे दुकानदारों के पक्ष में राहुल जी लगातार आवाज़ उठाते चले आ रहे है।
4. सुरसा के मुँह की तरह बढ़ती बेरोज़गारी, लगातार गिरती अर्थ व्यवस्था के ख़िलाफ़ राहुल जी ने बार बार आवाज़ बुलंद की और कर रहे हैं।दो करोड़ नौकरी हर साल देने का वादा कर, ये चार साल का अग्निपथ को लाकर युवाओं को बहलाने का प्रयास कर रहे। लेकिन वे भूल गये हैं कि, देश का युवा अब झाँसे में नहीं आने वाला है।अग्निपथ आज पानीपत हो गया है।
5. कोरोना काल में कुव्यवस्था को लेकर राहुल जी हमेशा से ही मुखर रहे, पर मोदी सरकार के कानों में जूँ तक नहीं रेंगा।जिसका ख़ामियाज़ा आज पूरा देश भुगत रहा है और कोरोना में उनकी ग़लतियों का मार झेल रहे हैं।
6. कोरोना काल में लाखों मज़दूर भाइयों की राहुल जी आवाज़ बने।
7. तीनों काले कृषि क़ानून का लगातार विरोध करते हुए किसानों के साथ अंत तक राहुल जी खड़े रहे।
8. देश आज संक्रमण काल से गुजर रहा, चारों तरफ़ नफ़रत की आँधी बह रही है। ऐसे में अकेले राहुल गांधी इसका विरोध करते हुए प्रेम, शांति एवं सौहार्द की बात कर रहे हैं।
9. पूरा देश जान गया है कि आज देश कौन चला रहा। सत्तासीन चंद पूँजीपतियों के हाथों खेल रहे। देश को अड़ानी एवं अंबानी के हाथों गिरवी रख रहे एवं देश को बेच रहे।
इसके बाद उन्होंने ने कहा की साथियों यह स्पष्ट है कि सत्ता के नशे में चूर होकर किस तरह मोदी सरकार संविधान की धज्जियाँ उड़ा रहे है। क़ानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है, यह एक गंभीर चिंता का विषय है। यह राजनीतिक दुर्भावना का विकृत रूप है, जो हमारे सामने आ रहा है।कांग्रेस मुख्यालय में पुलिस भेजकर मोदी सरकार ने साबित कर दिया है, कि वह तानाशाही का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज पूरा विश्व भाजपा की गुंडागर्दी और लोकतंत्र को तार-तार होते देख रही है।यह ज़ुल्म अंग्रेजों के ज़ुल्म के समान ही है।
मोदी सरकार इस बात को अच्छी तरह समझ ले कि जो कांग्रेस अंग्रेजों से नहीं डरी वह इस डरपोक सरकार से क्या डरेगी। एक गाँधी ने अंग्रेजों को भगाया था, दूसरा गाँधी इस निरंकुश, जनता के विरोधी सरकार को भगायेगा। साथियों, आपसे अनुरोध है कि जनतंत्र की रक्षा के लिये, संविधान की रक्षा के लिये आप हमारे साथ सड़क पर आये और हस्तक्षेप करें। आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आप न्याय का मार्ग चुनेंगे और इस देश के संविधान की आत्मा की रक्षा के लिये हमारा साथ देंगे।

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