संसद में बोले अमित शाह, ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत मारे गए पहलगाम के तीनों आतंकी, मिले कई पुख्ता सबूत

नई दिल्ली। संसद सत्र के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड समेत तीनों आतंकवादियों को ‘ऑपरेशन महादेव’ के तहत सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। यह ऑपरेशन भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान का परिणाम है, जिसे गृहमंत्री ने देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी कामयाबी बताया।
ऑपरेशन की जानकारी और मारे गए आतंकियों की पहचान
गृह मंत्री के अनुसार, तीनों आतंकियों की पहचान सुलेमान उर्फ हाशिम मूसा, अफगान और जिबरान के रूप में हुई है। इनमें से सुलेमान और अफगान लश्कर-ए-तैयबा के ‘ए’ कैटेगरी के कमांडर थे। उन्होंने बताया कि बीते दिन चले इस अभियान में इन आतंकियों को किसी भी तरह से पाकिस्तान भागने का मौका नहीं दिया गया। ऑपरेशन के बाद आतंकियों के शव श्रीनगर लाए गए, जहां पहले से हिरासत में लिए गए स्थानीय सहयोगियों ने उनकी पुष्टि की।
पहचान के साक्ष्य और एफएसएल रिपोर्ट
गृह मंत्री ने बताया कि पहचाने गए शवों से मिले सबूत पुख्ता हैं। उनके पास से बरामद सामग्री में पाकिस्तान से जुड़ी वस्तुएं, जैसे वोटर आईडी नंबर, चॉकलेट पैकेट आदि मिले हैं। इसके साथ ही आतंकियों की राइफल से निकली गोलियों के खोखे एफएसएल जांच में पहले से तैयार रिपोर्ट से मेल खाते हैं। यह पुष्टि चंडीगढ़ की प्रयोगशाला में हुई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ये आतंकी ही हमले के जिम्मेदार थे।
स्थानीय सहयोगियों की भूमिका और गिरफ्तारियां
अमित शाह ने बताया कि एनआईए ने इन आतंकियों को पनाह देने वालों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। यही नहीं, जो लोग इन आतंकियों को भोजन उपलब्ध कराते थे, उन्हें भी सुरक्षा एजेंसियों ने पहले से हिरासत में लिया हुआ था। इन स्थानीय सहयोगियों की मदद से आतंकियों की पहचान करना संभव हुआ।
पाकिस्तान से सीधा संबंध और विपक्ष पर टिप्पणी
गृह मंत्री ने संसद में जोर देकर कहा कि इन आतंकियों का सीधा संबंध पाकिस्तान से था और इसके कई प्रमाण सुरक्षा बलों के पास हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता पी. चिदंबरम पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वे सबूत मांगते हैं, तो यह पाकिस्तान को क्लीन चिट देने जैसा है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की जनता विपक्ष के इस रवैये को देख रही है।
ऑपरेशन सिंदूर और मोदी सरकार की नीतियां
अमित शाह ने इस मौके पर यह भी उल्लेख किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत सुरक्षा बलों ने आतंकियों को ऐसा सबक सिखाया है कि वे भविष्य में ऐसी कोई हरकत करने से पहले सौ बार सोचेंगे। उन्होंने सिंधु जल संधि को लेकर कांग्रेस सरकार की नीतियों को “ब्लंडर” बताया और कहा कि मोदी सरकार ने इसे स्थगित कर पाकिस्तान पर दबाव बनाने का प्रयास किया है।
सरकार की प्रतिबद्धता और भविष्य का संदेश
गृह मंत्री ने अपने वक्तव्य का समापन इस आश्वासन के साथ किया कि भारत की सुरक्षा और नागरिकों की रक्षा के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन महादेव की सफलता इस बात का प्रमाण है कि भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और किसी भी आतंकी हरकत का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। यह कार्रवाई केवल एक सैन्य सफलता नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा नीति और आतंकी गतिविधियों के खिलाफ दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचायक है।

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