प्रधानमंत्री ने 21 जुलाई को बुलाई सर्वदलीय बैठक, मानसून सत्र को लेकर समन्वय पर होगी चर्चा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी 21 जुलाई को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य संसद के मानसून सत्र के दौरान विभिन्न दलों के बीच समन्वय बिठाना और सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए रणनीति बनाना है। 22 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच होने वाले संभावित हंगामे को ध्यान में रखते हुए यह पहल की गई है। पिछले विशेष सत्र के दौरान विपक्ष ने सरकार पर कई मुद्दों को लेकर जोरदार हमले किए थे। विशेष रूप से नीट पेपर लीक मामले और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी भाषणों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की थी। इन मुद्दों पर सदन में काफी हंगामा हुआ था और सरकार को विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करना पड़ा था। इस बार, सरकार पहले से ही सभी गतिरोधों को खत्म करने की कोशिश कर रही है ताकि सत्र शांति पूर्वक और प्रभावी तरीके से चल सके। 21 जुलाई को होने वाली इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से सभी दलों को आमंत्रित किया गया है। बैठक में सरकार की तरफ से विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संसद का मानसून सत्र बिना किसी अवरोध के संपन्न हो सके। सरकार का मुख्य उद्देश्य यह है कि सदन में सभी दलों के बीच बेहतर तालमेल हो और महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सके। इस बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी मौजूद रहेंगी। 23 जुलाई को वह संसद में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करेंगी। इस बजट को लेकर लोगों में काफी उम्मीदें हैं, विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों को सरकार से कई राहत की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिल सके और जनता को राहत पहुंचाई जा सके। बैठक के दौरान सरकार की ओर से विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के साथ चर्चा की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संसद का मानसून सत्र किसी भी प्रकार के अवरोध के बिना संपन्न हो। सरकार यह भी चाहती है कि विपक्ष के साथ बेहतर संवाद स्थापित किया जाए ताकि सभी मुद्दों पर एक साझा समझ बन सके और देश के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस पहल को संसद के सुचारू संचालन के लिए एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। सरकार और विपक्ष के बीच बेहतर तालमेल से संसद के सत्र को सुचारू रूप से चलाना संभव हो सकेगा और महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को पूरा किया जा सकेगा। इस सर्वदलीय बैठक के बाद उम्मीद है कि संसद का मानसून सत्र शांति पूर्वक और प्रभावी तरीके से संपन्न होगा।

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