1 नवंबर से चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे अखिलेश यादव, 6 जनसभाओं को करेंगे संबोधित, इंडिया गठबंधन के लिए मांगेंगे वोट
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक है और राजनीतिक दलों ने अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है। इस चुनाव में दो चरणों में मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को तथा दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना तय है। वहीं मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। इस बीच सभी दल अपने-अपने स्टार प्रचारकों को मैदान में उतार रहे हैं। महागठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को स्टार प्रचारक की भूमिका में उतारा गया है। वे 1 नवंबर से बिहार में प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे और कुल 6 सभाओं को संबोधित करेंगे।
बिहार पहुंचेंगे अखिलेश और डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 31 अक्टूबर को अपनी पत्नी और लोकसभा सांसद डिंपल यादव के साथ पटना पहुंचेंगे। इसके बाद वे 1 नवंबर से विभिन्न जिलों में जाकर चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। महागठबंधन ने अखिलेश यादव की सभाओं को रणनीतिक रूप से उन क्षेत्रों में तय किया है जहाँ सपा और राजद दोनों की सामाजिक और राजनीतिक पकड़ मजबूत मानी जाती है। इस दौरे में डिंपल यादव भी उनके साथ प्रचार में हिस्सा लेंगी, जिससे महिला मतदाताओं को जोड़ने की कोशिश की जाएगी।
महागठबंधन की संयुक्त जनसभा में होंगे शामिल
चुनावी रणनीति के तहत महागठबंधन एक बड़े मंच पर एकता का संदेश देना चाहता है। इसी सिलसिले में अखिलेश यादव एक संयुक्त विशाल रैली में हिस्सा लेंगे। इस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव, सीपीआई-सीपीएम और अन्य सहयोगी दलों के नेता भी शामिल होंगे। इस तरह की संयुक्त रैली का उद्देश्य यह संदेश देना है कि एनडीए के मुकाबले विपक्ष एकजुट है और जनता को एक विकल्प देना चाहता है।
छह प्रमुख जगहों पर होंगी चुनावी रैलियाँ
अखिलेश यादव बिहार में छह प्रमुख जनसभाओं को संबोधित करेंगे। जिन जिलों में उनकी सभाएँ होने की संभावना है, उनमें पटना, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, कैमूर, पूर्वी चंपारण, गया, सीवान और बक्सर जैसे इलाके शामिल हैं। इन जगहों पर पिछड़ा, दलित और मुस्लिम वोटरों की संख्या अधिक है, जो महागठबंधन का प्रमुख आधार माना जाता है। सपा की नजर उन इलाकों पर भी है जहाँ उत्तर प्रदेश से काम करने वाले लोग बड़ी संख्या में रहते हैं और अखिलेश यादव का नाम उनके बीच लोकप्रिय माना जाता है।
लालू यादव और अखिलेश यादव के रिश्तों की पृष्ठभूमि
राजनीतिक रूप से महागठबंधन को मजबूत करने के पीछे सामाजिक और पारिवारिक संबंध भी काम करते दिख रहे हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और अखिलेश यादव रिश्तेदारी से भी जुड़े हुए हैं। लालू यादव के दामाद तेजप्रताप सिंह यादव उत्तर प्रदेश के करहल से विधायक हैं, जो अखिलेश यादव के भतीजे हैं। ऐसे में इस चुनाव में यह रिश्तेदारी राजनीतिक रणनीति में एक समन्वय का माध्यम बनती दिखाई दे रही है। राजद और सपा में वर्षों से राजनीतिक समझ और वैचारिक निकटता रही है।
पहले ही घोषित कर दिया था समर्थन
बिहार चुनाव की घोषणा से पहले ही अखिलेश यादव ने यह स्पष्ट कर दिया था कि उनकी पार्टी सपा, तेजस्वी यादव और महागठबंधन का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा था कि देश में वर्तमान दौर में विपक्षी एकता अत्यंत आवश्यक है और भाजपा को चुनौती देने के लिए सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दलों को एक मंच पर आना होगा। इसी क्रम में उनका यह प्रचार अभियान बिहार में महागठबंधन के समर्थन को मजबूत करेगा।
चुनाव में महागठबंधन की रणनीति
बिहार चुनाव में महागठबंधन की रणनीति सामाजिक समीकरणों पर आधारित है। यादव, मुस्लिम, दलित, अति पिछड़ा और किसान वर्ग को अपने साथ जोड़कर चुनावी माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश की जा रही है। अखिलेश यादव की मौजूदगी इस सामाजिक समीकरण को और मजबूत करने का प्रयास है। वहीं भाजपा और एनडीए ने भी अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई बड़े नेता चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। बिहार का यह चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन का प्रश्न नहीं बल्कि राजनीतिक संतुलन और भविष्य की दिशा का संकेत भी देगा। ऐसे में सभी पार्टियाँ अपनी पूरी ताकत झोंक चुकी हैं और आने वाला समय बताएगा कि जनता किस दिशा में अपना जनादेश देती है।


