डॉ अजय कुमार बने यूपीएससी के नए अध्यक्ष, नियुक्ति को लेकर आधिकारिक अधिसूचना जारी

नई दिल्ली। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और पूर्व रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह जानकारी कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा मंगलवार देर रात जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के माध्यम से दी गई। राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 316(1) के तहत यह नियुक्ति की है, जो लोक सेवा आयोगों के सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित है। डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति उसी दिन से प्रभावी होगी, जिस दिन वह कार्यभार ग्रहण करेंगे।
शिक्षा और पेशेवर पृष्ठभूमि
डॉ. अजय कुमार 1985 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई आईआईटी कानपुर से की और इसके बाद अमेरिका की मिनेसोटा यूनिवर्सिटी से डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री तथा कार्लसन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी प्राप्त की। उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद वह भारत लौटे और यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस बने। अपनी सेवा के दौरान उन्होंने केरल सरकार में कई अहम पदों पर कार्य किया।
प्रशासनिक और रक्षा क्षेत्र में योगदान
डॉ. अजय कुमार का प्रशासनिक अनुभव तीन दशकों से अधिक का है। वे 2007 से 2010 तक केरल सरकार के आईटी विभाग के प्रधान सचिव रहे। बाद में उन्होंने रक्षा मंत्रालय में सचिव के रूप में कार्य किया, जहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण रक्षा सुधारों को अमलीजामा पहनाया। उनके नेतृत्व में कई नीतिगत बदलाव और आधुनिकीकरण की दिशा में कदम उठाए गए।
यूपीएससी की जिम्मेदारियां और डॉ. कुमार की भूमिका
यूपीएससी देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक, सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन करता है। इसके माध्यम से आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसी सेवाओं के लिए चयन होता है। आयोग का नेतृत्व एक अध्यक्ष करता है, जिसे छह वर्षों के लिए या 65 वर्ष की आयु तक नियुक्त किया जाता है। डॉ. अजय कुमार अब इस प्रतिष्ठित संस्था की कमान संभालेंगे। यूपीएससी में कुल 10 सदस्य हो सकते हैं, और अध्यक्ष का कार्य पूरे आयोग को दिशा देना होता है।
पूर्व अध्यक्षों का कार्यकाल और विवाद
डॉ. अजय कुमार की नियुक्ति पूर्व अध्यक्ष प्रीति सूदन के कार्यकाल की समाप्ति के बाद हुई है। सूदन को जुलाई 2024 में उस समय अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जब तत्कालीन अध्यक्ष मनोज सोनी ने अचानक इस्तीफा दे दिया था। सोनी जून 2017 से मई 2023 तक यूपीएससी के सदस्य रहे और जून 2024 में निजी कारणों का हवाला देकर पद छोड़ दिया। हालांकि, उनके इस्तीफे को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए और इसे कथित घोटालों से जोड़कर सरकार से जवाब मांगा।
हालिया विवाद और चुनौतियां
पिछले वर्ष जुलाई में यूपीएससी उस समय विवादों में आया जब एक ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर फर्जी दस्तावेजों के सहारे अतिरिक्त परीक्षा अवसर प्राप्त करने का आरोप लगा। आयोग ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी और भविष्य की सभी परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया। अब डॉ. अजय कुमार को न केवल परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने की चुनौती होगी, बल्कि आयोग की निष्पक्षता और प्रतिष्ठा को बनाए रखने की भी अहम जिम्मेदारी होगी।
