एम्स प्रशासनिक भवन के बाहर डॉक्टरों का प्रदर्शन, एनएमसी विधेयक का विरोध में नाटक का हुआ मंचन

फुलवारी शरीफ। पटना एम्स के प्रशासनिक भवन के बाहर डॉक्टरों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक, 2019 के खिलाफ प्रदर्शन किया । डॉक्टरों ने यह विरोध-प्रदर्शन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर किया । इस विधेयक के कुछ प्रावधानों का विरोध करते हुये सीनियर और जूनियर रेजीडेंसी डाक्टरो ने सुबह नौ बजे से काम को बाहिष्कार किया। हड़ताल की वजह से मरीज अधिक परेशान हैं। ऐसे में दूर दराज से आए नये मरीजों को अस्पताल से वापस लौटना पडा़ ।वार्ड में भर्ती रोगी को भी किसी तरह की परेशानी नही हुयी ।एस आर और जे आर के हडताल के कारण फैक्लटी ने मोर्चा संभाला ।फैक्लटी ने पुराने रोगियों को देखा वहां भी लबी भीड़ लगी रही।डाक्टरो ने इस बिल के विरोध में नाटक का मंचन किया गया । इस नाट्य में बिल के खिलाफ खराबियों को दिखाया गया। एम्स के सीनियर रेजीडेंसी एसोसिऐशन के अध्यक्ष डा विनय कुमार ने बताया कि डाक्टर ग्रमीण क्षेत्र में काम करने कलिए तैयार है। शर्त यह है कि उन डाक्टरों को सुरक्षा और पूरी सुविधा प्रदान करे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्य निर्वाचित होने चाहिए।मनोनित सदस्य नही होने चाहिए।साथ ही जो सदस्य निर्वाचित हो वे किसी के अधीन न हो। स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकारी हो।नन मेडिकल लोगों को एलौपैथी दवा से इलाज करने की छुट मिली है।यह रोगियो की जिंदागी से खेलवाड है। 50 प्रतिशत सीट की फीस के लिए सरकार द्वारा प्राइवेट कालेजो को पुरी तहर से छुट दी गयी है इससे कॉलेज मनमानी करेगें और फीस अपने स्तर पर निर्धारित करने लगेंगे । अस्पताल अधीक्षक डा सीएम सिहं ने बताया कि नये रोगी नही देखे गये।इमरजेंसी एंड ट्रामा में मरीजों का इलाज हुआ।डॉ संजीव ने बताया की इमरजेंसी एंड ट्रामा में सामान्य तौर पर काम चला । ओटी में ऑपरेशन हुए और जो भी इमाजेंसी इलाज थे वो सामान्य दिनों की तरह किये गये।

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