एजी रिपोर्ट ने कंफर्म कर दिया है पथ निर्माण विभाग में हुए घोटाले को-प्रेमचंद मिश्र
पटना।कांग्रेस के मीडिया पैनल इस तथा विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा है कि महालेखाकार की रिपोर्ट आने के बाद अब यह साबित हो गया कि गांधी सेतु के निर्माण में बड़े पैमाने पर व्यापक वित्तीय अनियमितताएं बरती गई है।एक तरह से गांधी सेतु के मरम्मती के नाम पर करोड़ों के घोटाले किए गए हैं।उन्होंने कहा कि विधानसभा में मैंने कई दफा तथ्यों के साथ इस मामले को उठाया।मगर मेरे द्वारा दिए गए प्रमाणों को दरकिनार करते हुए बार-बार पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने आरोपों को नकार दिया।मगर आज महालेखाकार के रिपोर्ट ने यह साफ कर दिया कि किस कदर महात्मा गांधी सेतु के निर्माण एवं मरम्मत के नाम पर घपलों का दौर जारी है।एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान विधान पार्षद प्रेम मिश्रा ने कहा कि उन्होंने सेतु निर्माण के एग्रीमेंट के अनुसार 70 डब्लू ग्रेड के स्टील का इस्तेमाल होने की बात कही थी।मगर मरम्मत निर्माण का काम कर रहे एफकॉन नामक कंपनी ने घटिया स्टील e410 का धड़ल्ले से प्रयोग कर स्ट्रक्चर को कमजोर कर दिया है।विधान पार्षद ने कहा कि इतना ही नहीं महालेखाकार के रिपोर्ट में पथ निर्माण मंत्री तथा पथ निर्माण विभाग के सचिव की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया है।उन्होंने कहा कि घटिया क्वालिटी के स्टील के इस्तेमाल होने से सुपरस्ट्रक्चर कमजोर हो गया है।जिस कारण बहुत जल्द फिर से महात्मा गांधी सेतु में भारी वाहनों का आवागमन मुश्किल हो जाएगा।उन्होंने कहा कि महालेखाकार की रिपोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किस कदर इस प्रोजेक्ट में ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं।ईमानदार अधिकारी सेतु डिवीजन के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता तथा पुल के कंसल्टेंट के तौर पर बहाल टीम लीडर प्रशांत भट्टाचार्य को इस प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया गया।क्योंकि उन्होंने लिखित तौर पर निर्माण में चल रही गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाई थी।विधान पार्षद इस बड़े घोटाले को लेकर राज्य सरकार के मंत्री नंदकिशोर यादव को बर्खास्त करने की मांग की है।उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री सुनिश्चित करें कि महालेखाकार की रिपोर्ट के आलोक में विभागीय सचिव सेतु का मरम्मत कर रही कंपनी तथा अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर ठोस कानूनी कार्रवाई हो।


