जनता दरबार के बाद बोले CM नीतीश- महिलाएं शिक्षित होंगी तो अपने आप प्रजनन दर घटेगा, शराबबंदी पूरे देश में हो लागू

पटना। 5 साल के बाद सोमवार को नीतीश कुमार का जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम शुरू हो गया। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि हमने वर्ष 2006 में ही जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की शुरूआत करायी थी। हर महीने में तीन सोमवार को अलग-अलग विभागों की सुनवाई तय कर दी और वह निरंतर चलता रहा। शिकायतों के समाधान करने के दौरान चीजों का एनालाइज भी किया करते थे। वर्ष 2015 में मेरे मन में एक बात आई कि क्यों नहीं हमलोग इसके लिए एक कानून बना दें। लोगों की शिकायत के निवारण के लिए लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून वर्ष 2016 में लागू किया।
हर महीने के तीन सोमवार को कार्यक्रम
इसी को देखते हुए हमने पुन: यह तय किया कि पिछले बार की तरह ही हर महीने के तीन सोमवार को यह कार्यक्रम किया जाए। आज पुन: इस कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है। हम पहले ही शुरू करना चाह रहे थे लेकिन सवाल था कि इस कार्यक्रम को कहां पर किया जाए ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। फिर यहां पर इसके लिए व्यवस्था की गयी। अप्रैल माह में यह तैयार हो गया था और उस समय हम बार-बार आकर यहां देख रहे थे। हमने यह तय कर लिया था कि इस कार्यक्रम को मई महीने से शुरू करेंगे। लेकिन अप्रैल में फिर कोरोना का दौर आ गया। उसके चलते यह संभव नहीं था। जब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमितों की संख्या घटी तो हमलोगों ने यह सोच लिया कि इस कार्यक्रम को पुन: प्रारंभ करना चाहिए।
नई चीजों को लेकर भी लोग आ रहे
उन्होंने कहा कि आज ही देखिये कितनी तरह की समस्या लेकर लोग आ रहे हैं। ऐसी बहुत सारी चीजें तय हैं लेकिन आखिर अभी तक वह क्यों नही हुआ। हमलोगों को लगा कि लोक शिकायत निवारण कानून तो है ही लेकिन लोगों की बातें भी सुननी चाहिए। नई चीजों को लेकर भी लोग आ रहे हैं और विभिन्न विभागों से संबंधित जो काम है वह क्यों नही हुआ? इन सब बातों को हम सुन रहे हैं। कोरोना का दौर है इसे देखते हुए इसमें ऐसी व्यवस्था बनाई गयी है कि शिकायतकर्ता का संबंधित जिले में कोरोना संक्रमण का जांच कराकर इस कार्यक्रम में भेजा जाय ताकि कोई कोरोना पाजिटिव व्यक्ति कार्यक्रम में नहीं आए। फिर उन्हें घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी की गयी है। कोरोना का दौर खत्म होते ही पहले की तरह जितना चाहे लोग इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
आरसीपी को बधाई कोई मुद्दा नहीं
केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को बधाई देने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पार्टी के नेता हैं, उन्हें हम कैसे बधाई नहीं दिए। ऐसे ही कुछ लोग बोलते रहते हैं। हमारी पार्टी में यह कोई मुद्दा नहीं है।
महिलायें शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर घटेगा
जनसंख्या नियंत्रण को लेकर ठोस कानून के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिये अगर सिर्फ आप कानून बनाकर उसका उपाय करेंगे तो ये संभव नहीं है। आप चीन का उदाहरण देख लीजिये। वहां एक से दो बच्चों को लेकर निर्णय लिया गया, अब देखिये वहां क्या हो रहा है। सबसे बड़ी चीज है कि महिलायें जब पूरी तौर पर शिक्षित होंगी तो अपने आप प्रजनन दर घट जायेगा। इसमें किसी भी कम्यूनिटी को लेकर बातचीत न हो। हम कानून के पक्ष में नहीं हैं। अलग-अलग राज्य के लोगों की अपनी सोच है, वे अपने ढंग से जो चाहें करें।
बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देश
बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा, जब से हमारी सरकार बनी है, तब से हम इसे लेकर गंभीर हैं। हमने हवाई सर्वेक्षण कर सभी स्थिति का जायजा लिया है। हमने जिलाधिकारी को बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद के निर्देश दिये हैं।
शराबबंदी पूरे देश में हो
देश में कॉमन सिविल कोड को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप बताईये कि कॉमन सिविल कोड किस नंबर पर है? आर्टिकल 44 की बात हो रही है। जरा आर्टिकल 47 भी देख लीजिये। हमलोगों ने बिहार में शराबबंदी लागू की। इन सब चीजों पर ध्यान देते हैं तो शराबबंदी को लेकर भी ध्यान दीजिये। शराबबंदी पूरे देश में हो।
