मंत्री बोले- मंदिरी और कुर्जी नाले का मैला पानी ट्रीटमेंट के बाद गंगा में छोड़ा जाए
- बुडको के अंतर्गत पटना में चल रहे निर्माण और विकास कार्यों की उपमुख्यमंत्री ने की समीक्षा
पटना। बिहार के उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में सोमवार को बुडको के अंतर्गत पटना में चल रहे निर्माण और विकास कार्यो की समीक्षा बैठक की गयी। बैठक में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के साथ बुडको के एमडी अभिषेक सिंह भी उपस्थित थे।
इस बैठक में पथ निर्माण मंत्री ने राजधानी पटना में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के अंतर्गत चल रहे कार्यों पर सुझाव दिया कि मंदिरी नाले और कुर्जी नाले के मैले पानी को गंगा में सीधा छोड़ने की बजाय उसे पहले दीघा में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से साफ कर गंगा में छोड़ा जाए। मंत्री नितिन नवीन के इस सुझाव को सर्व सहमति से मान लिया गया। इसके लिए आवश्यक दिशा निर्देश जल्द ही जारी कर दिये जायेंगे।


बेउर की संप और ड्रेनेज योजना मई तक होगा पूरा
मंत्री ने सुझाव को मान लिए जाने पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि एसटीपी से निकलने वाले साफ पानी का इस्तेमाल सिंचाई, कृषि व बागवानी में भी किया जा सकता है। गंगा की सफाई के लिए शहर में नालों का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है, दूसरे चरण में इन नालों से घरों को सीधा जोड़कर निकलने वाले दूषित पानी का ट्रीटमेंट कर फिर से उपयोग में भी लाया जा सकेगा। इसके साथ ही मीठापुर से बेउर की 48 करोड़ की संप और ड्रेन योजना की भी समीक्षा की गई। वर्ष 2017 में प्रारंभ की गयी इस योजना पर काम तीव्र गति से चल रहा है तथा इसके इस वर्ष मई में पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य है।
दानापुर से पटना तक नौ नालों से गंगा में बहाया जाता है पानी
ज्ञात हो कि दानापुर से पटना तक नौ नालों से गंगा में 233 एमएलडी पानी (एक एमएलडी 10 लाख लीटर पानी के बराबर होता है) बहाया जाता है। छोटे नालों को जोड़ दिया जाय तो 300 एमएलडी अर्थात 30 करोड़ लीटर गंदा पानी गंगा में बहाया जाता है। पटना नगर निगम क्षेत्र में छह स्थानों पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कराया जा रहा है। पिछले वर्ष 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो सीवरेज प्लांट करमलीचक और बेउर का उद्घाटन वर्चुअल तरीके से किया था। इसके बाद इस इलाके के लगभग 10 प्रतिशत घरों के दूषित पानी का ट्रीटमेंट करने के बाद गंगा में छोड़ा जा रहा है।

