आखिर मुख्यमंत्री जी बंद कमरे के बाहर की हकीकत क्यों नहीं देखना चाहते ? : राजू तिवारी
पटना। प्रदेश में अपराध, हकमारी और प्रशासनिक अराजकता की स्थिति से चारों ओर लोग त्राहिमाम कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी यह कहकर लोगों के जख्म को कुरेद रहे हैं कि बिहार न्याय के साथ विकास के पथ पर तेजी से दौड़ रहा है। जबकि हकीकत में यहां अन्याय और विनाश की स्थिति है। यह दर्द एवं आक्रोश है लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक राजू तिवारी का। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता चंदन सिंह ने बताया कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आखिर मुख्यमंत्री जी को बिहार के लोगों की चीख-पुकार एवं हक की आवाज क्यों नहीं सुनाई दे रही है? लोगों को किस बात की सजा वे दे रहे हैं? उन्होंने कहा कि ना सिर्फ राजनीतिक बल्कि अन्य कई प्लेटफार्म से लगातार मुख्यमंत्रीजी तक यह बात पहुंचायी जा रही है कि आप कृपया बंद कमरे में अपने चंद अधिकारियों के साथ मीटिंग की प्रक्रिया से बाहर निकलकर बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर वस्तुस्थिति को देखिए।

इसके बाद ही आपको यह पता चलेगा कि प्रदेश में सुशासन एवं विकास का सच क्या है। जनता के हित के लिए पटना से जारी किए जाने वाली राशि कहां पहुंच रही है। लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष ने कहा कि लोगों की तकलीफ को जिस तरह से मुख्यमंत्रीजी नजरअंदाज कर अधिकारियों को मनमानी करने की छूट दे रखें हैं। उससे यह साफ प्रतीत होता है कि सबकुछ उनके संज्ञान में है पर वे स्थिति में किसी खास कारणवश सुधार करना ही नहीं चाहते। श्री तिवारी ने कहा कि बिहार ने कई परिवर्तनों में अहम भूमिका निभायी है। इसलिए बिहार के लोग अब इस सरकार के मुखिया के अहंकार और प्रशासनिक अराजकता की स्थिति से बाहर आने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो रहे हैं।
वही उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी को जनता की ताकत का अंदाजा नहीं है जबकि बिहार विधानसभा चुनाव में जनता ने उन्हें इसका स्वाद चखा दिया है। लोजपा (रामविलास) के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी इस स्थिति के खिलाफ जनहित में संघर्ष का शंखनाद कर चुकी है और यह संघर्ष बिहार की स्थिति और कुशासन की तस्वीर को बदल कर ही रुकेगी इसे ज्यादा वक्त नहीं लगनेवाला क्योंकि बिहार की जनता हमारे इस अभियान से जुड़ चुकी है।

