December 4, 2025

पटना के बेऊर जेल में प्रशासन की छापेमारी, सुबह-सुबह कैदियों में मचा हडकंप, हुई सघन तलाशी

पटना। पटना के अत्यंत संवेदनशील और उच्च सुरक्षा वाले बेऊर केंद्रीय कारा में शनिवार तड़के एक बार फिर प्रशासन ने सघन तलाशी अभियान चलाया। राजधानी और आसपास के जिलों में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं को देखते हुए यह कार्रवाई पहले से ही संभावित मानी जा रही थी। छापेमारी अभियान का नेतृत्व सिटी एसपी पूर्वी, सिटी एसपी मध्य और एडीएम ने संयुक्त रूप से किया, और इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था।
सुबह 5 बजे शुरू हुई छापेमारी
प्रशासन का यह सर्च ऑपरेशन शनिवार सुबह ठीक 5 बजे शुरू हुआ। उस समय सभी बंदी अपने-अपने वार्ड में बंद थे और जेल परिसर शांत था। जैसे ही पुलिस अधिकारियों और विशेष टीम ने जेल में प्रवेश किया, कैदियों में अचानक हड़कंप मच गया। तलाशी अभियान की सूचना जेल के सभी हिस्सों में तेजी से फैल गई और कैदी पूरी सतर्कता के साथ अपने वार्डों में बने रहे। इस छापेमारी का उद्देश्य जेल के भीतर छिपाए गए संभावित अवैध सामान, आपराधिक गतिविधियों और संचार उपकरणों का पता लगाना था, जिनके माध्यम से कई बार बाहरी अपराधों को संचालित किए जाने की आशंका रहती है।
क्यों पड़ा छापेमारी का जरूरत
हाल के दिनों में पटना और आसपास के जिलों में हत्या, लूट, डकैती और हथियारबंद वारदातों सहित कई गंभीर अपराध हुए हैं। पुलिस को संदेह है कि इन घटनाओं के पीछे जेल में बंद कुछ कुख्यात अपराधियों का हाथ हो सकता है। कई मामले ऐसे सामने आए हैं जहाँ जेल के अंदर से मोबाइल फोन के माध्यम से अपराधियों ने योजनाएं बनाई और बाहर बैठे साथियों को निर्देश दिए। इसी संदर्भ में बेऊर जेल पर प्रशासन की नजर लगातार बनी हुई है। अधिकारियों का कहना है कि जेल के भीतर से संचालित किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और समय-समय पर तलाशी अभियान जारी रहेंगे।
कैदियों के वार्डों की कड़ी तलाशी
छापेमारी के दौरान जेल के सभी वार्डों की बारीकी से जांच की गई। जेल की बैरकों, बाथरूम, कॉमन एरिया और सुरक्षात्मक गलियारों को भी नहीं छोड़ा गया। पुलिस टीम के पास मेटल डिटेक्टर और अन्य तलाशी उपकरण मौजूद थे। अधिकारियों ने कैदियों की व्यक्तिगत वस्तुओं और बिस्तरों तक की गहन जांच की। जेल के अंदर छिपाकर रखे गए मोबाइल फोन, चार्जर, चाकू, ब्लेड, मादक पदार्थ या अन्य किसी भी प्रकार के प्रतिबंधित सामान की खोज के लिए प्रत्येक कोने को खंगाला गया। तलाशी के दौरान जेल के सुरक्षा गार्ड और कर्मचारियों की भी निगरानी रही ताकि किसी प्रकार की चालाकी या अनदेखी न हो सके।
छापेमारी के दौरान का माहौल
जेल के अंदर गोपनीय तरीके से शुरू हुई इस कार्रवाई ने अचानक पूरे परिसर में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया। कैदी इस सघन तलाशी से चिंतित दिखाई दिए। कुछ कैदी शांत बैठे रहे तो कुछ अपने सामान को बार-बार टटोलते दिखे। हालांकि, पुलिस बल की मौजूदगी ने किसी भी तरह की अव्यवस्था या विरोध को होने नहीं दिया। जेल प्रशासन का कहना है कि इस तरह की छापेमारी आवश्यक है क्योंकि कई बार कैदी जेल में रहकर भी बाहरी दुनिया से संपर्क बनाए रखते हैं और अपराध की योजना बनाते हैं।
बरामदगी की जानकारी छापेमारी के बाद
अधिकारियों ने बताया कि तलाशी अभियान अभी जारी है, और इसे समाप्त होने के बाद ही स्पष्ट किया जा सकेगा कि जेल से क्या-क्या बरामद हुआ है। सिटी एसपी पूर्वी ने मीडिया को बताया कि छापेमारी खत्म होने के बाद विस्तृत सूची जारी की जाएगी जिसमें बरामद वस्तुओं, पकड़े गए उपकरणों और जेल सुरक्षा से जुड़े निष्कर्षों का उल्लेख होगा। अक्सर ऐसी तलाशी में मोबाइल फोन, मादक पदार्थ, धारदार हथियार या सुविधाजनक सामग्री मिलती रही है, लेकिन इस अभियान में क्या मिला है, यह अभियान समाप्ति के बाद ही स्पष्ट होगा।
जेल प्रशासन की बढ़ाई सतर्कता
बेऊर जेल पहले भी कई बार विवादों और सुरक्षा चूक के मामलों को लेकर चर्चा में रहा है। इसलिए प्रशासन अब अधिक सख्ती बरत रहा है। जेल के भीतर सीसीटीवी कैमरों की निगरानी बढ़ाई गई है और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए अधिकारियों ने आगे की रणनीति बनाने की बात कही है। पिछले कुछ महीनों में जेल के भीतर कई बार मोबाइल और अवैध सामान बरामद हुए हैं, जिससे पुलिस को यह संकेत मिला कि अंदर तक आपराधिक नेटवर्क सक्रिय है। इसी वजह से सर्च ऑपरेशन को लगातार जारी रखा जाएगा। बेऊर जेल में तड़के सुबह हुई इस छापेमारी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस और प्रशासन जेलों में अनुशासन बनाए रखने और आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने को लेकर गंभीर है। राजधानी में लगातार हो रही आपराधिक वारदातों के बीच इस सर्च ऑपरेशन का महत्व और बढ़ जाता है। अब नजर इस बात पर रहेगी कि तलाशी में क्या बरामद होता है और आगे की कार्रवाई किस दिशा में बढ़ती है।

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