September 29, 2025

दुर्गापूजा को लेकर प्रशासन की एडवाइजरी जारी, डीजे और तेज लाउडस्पीकर पर रोक, शिकायत पर होगी त्वरित कार्रवाई

पटना। बिहार में शारदीय नवरात्र के सातवें दिन सप्तमी के अवसर पर मां दुर्गा के पट खोल दिए गए। इसके साथ ही पूरे राज्य में भक्तिमय वातावरण बन गया है। जगह-जगह भव्य पंडालों की सजावट, देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना और भजन-कीर्तन की गूंज ने लोगों को उत्सव के रंग में सराबोर कर दिया। हालांकि, भीड़ और उमंग के बीच प्रशासन ने त्योहार को शांति और सुरक्षा के साथ संपन्न कराने के लिए कई सख्त नियम लागू किए हैं।
डीजे और लाउडस्पीकर पर रोक
इस बार प्रशासन ने साफ निर्देश दिया है कि किसी भी पंडाल या कार्यक्रम में डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी। लाउडस्पीकर की आवाज भी निर्धारित सीमा के भीतर ही रखनी होगी। रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर चलाने पर पूरी तरह पाबंदी होगी। यदि किसी स्थान से शिकायत आती है कि लाउडस्पीकर की तेज आवाज से लोगों को परेशानी हो रही है, तो पुलिस तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्रवाई करेगी। दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है।
मरीजों और छात्रों को ध्यान में रखकर निर्णय
प्रशासन ने यह कदम विशेष रूप से उन लोगों की सुविधा को देखते हुए उठाया है जिन्हें तेज आवाज से परेशानी होती है। मरीज, बुजुर्ग और पढ़ाई कर रहे छात्रों को लाउडस्पीकर और डीजे की तेज ध्वनि से दिक्कत होती है। ऐसे में प्रशासन ने पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए ताकि पूजा का माहौल भक्तिमय रहे लेकिन लोगों की शांति भंग न हो।
चुनाव के कारण बढ़ी सतर्कता
इस वर्ष दुर्गापूजा के साथ ही विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में प्रशासन की सतर्कता और भी बढ़ा दी गई है। पुलिस और प्रशासन की कोशिश है कि कहीं भी कोई अप्रिय घटना न हो और त्योहार सौहार्दपूर्ण ढंग से संपन्न हो। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और चौकसी को कड़ा किया गया है।
मूर्ति विसर्जन और जुलूस पर नियम
सरकार ने मूर्ति विसर्जन को लेकर भी कड़े निर्देश जारी किए हैं। बिना लाइसेंस के किसी मूर्ति का विसर्जन नहीं किया जाएगा। इसी तरह बिना अनुमति कोई जुलूस भी नहीं निकाला जा सकेगा। सभी जुलूसों की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है ताकि बाद में किसी विवाद की स्थिति में प्रमाण उपलब्ध हो सके। पूजा पंडालों के लिए भी लाइसेंस लेना आवश्यक कर दिया गया है।
राज्यभर में हजारों प्रतिमाएं
बिहार में हर साल दुर्गापूजा के दौरान लगभग 15 से 16 हजार प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। इस बार भी करीब 16 हजार मूर्तियों की स्थापना की गई है। इन्हें ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और शांति व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं। हर जिले में पुलिस बल की अतिरिक्त तैनाती की गई है और खास तौर पर उन इलाकों पर नजर रखी जा रही है जहां पहले विवाद की आशंका रही है।
भक्तों का उत्साह और प्रशासन की तैयारी
पूरे राज्य में दुर्गापूजा का उल्लास चरम पर है। लोग पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मां दुर्गा की आराधना में लीन हैं। वहीं प्रशासन भी चौकन्ना है कि किसी भी स्थिति में त्योहार का माहौल खराब न हो। भक्तों की सुरक्षा और उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए जगह-जगह पुलिस बल की तैनाती की गई है और नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। दुर्गापूजा केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं बल्कि सामाजिक एकजुटता का भी प्रतीक है। प्रशासन के इन नियमों और सावधानियों का उद्देश्य लोगों की भलाई और शांति बनाए रखना है। भक्तों का उत्साह और प्रशासन की सतर्कता मिलकर इस बार की दुर्गापूजा को खास बना रही है। उम्मीद है कि यह पर्व शांति, सुरक्षा और सामंजस्य के साथ संपन्न होगा और बिहार की गंगा-जमुनी संस्कृति को और मजबूती देगा।

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