छठ महापर्व की तैयारी में प्रशासन: पटना में 47 हजार से अधिक लगेंगे लाइट, खतरनाक घाटों की पहचान जारी
पटना। बिहार की राजधानी पटना में छठ महापर्व को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। प्रशासन और नगर निगम इस पवित्र पर्व को लेकर विशेष सतर्कता बरत रहे हैं। गंगा घाटों से लेकर तालाबों और पार्कों तक, हर जगह छठव्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्था की जा रही है। इस बार शहर को रोशनी से नहला देने की योजना बनी है, ताकि छठ पर्व का हर क्षण श्रद्धा और सुरक्षा से भरपूर हो।
रोशनी से जगमग होंगे घाट
पटना नगर निगम ने घोषणा की है कि इस बार शहर के घाटों पर 47 हजार से अधिक लाइटें लगाई जाएंगी। इन लाइटों में 17,570 ट्यूब लाइट्स, 22,140 मेटल लाइट्स और 7,685 हैलोजन लाइट्स शामिल हैं। इन लाइटों को घाटों की सीढ़ियों, घाट तक पहुंचने वाले रास्तों, पार्किंग स्थलों और आसपास के इलाकों में लगाया जाएगा। नगर निगम आयुक्त यशपाल मीणा ने बताया कि नासरीगंज घाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेन्द्रू घाट, बांस घाट, आदर्श घाट, मीनार घाट, दीघा घाट, एनआईटी घाट और एलसीटी घाट जैसे प्रमुख स्थलों पर विशेष सजावट की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी समय बिजली की आपूर्ति बाधित न हो, इसके लिए बैकअप जनरेटर की व्यवस्था भी की जा रही है।
सुरक्षा और स्वच्छता पर रहेगा फोकस
छठ पर्व के दौरान गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और स्वच्छता दोनों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। घाटों पर सफाईकर्मियों की अतिरिक्त टीमें तैनात की जाएंगी। वहीं, व्रतियों के लिए स्वच्छ पेयजल, अस्थायी शौचालय, चेंजिंग रूम, यात्री शेड और वाच टावर की सुविधा दी जाएगी। साथ ही, घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक या असामाजिक गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके। पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से लोगों को दिशा-निर्देश दिए जाएंगे और भीड़ के प्रबंधन में सहयोग किया जाएगा।
खतरनाक घाटों की पहचान और चेतावनी
गंगा नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है, जिससे कई घाटों की स्थिति बदल गई है। जल संसाधन विभाग ने बताया है कि छठ के समय गांधी घाट पर जलस्तर करीब 45.6 मीटर रहने की संभावना है। प्रशासन ने ऐसे घाटों की पहचान शुरू कर दी है जो गहरे या फिसलन भरे हैं। इन खतरनाक घाटों को लाल झंडे या कपड़ों से चिह्नित किया जाएगा ताकि श्रद्धालु वहां जाने से बचें। यह कदम श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। जिला प्रशासन ने इस संबंध में विशेष निर्देश जारी किए हैं कि सभी अधिकारी घाटों का प्रतिदिन निरीक्षण करें और किसी भी प्रकार की संभावित खतरे की स्थिति को पहले से पहचानकर रोका जाए।
21 डेडिकेटेड टीमें कर रहीं हैं निगरानी
छठ महापर्व के दौरान कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए पटना जिला प्रशासन ने 21 विशेष टीमें गठित की हैं। इन टीमों में जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं। सभी टीमें अपने-अपने क्षेत्र के घाटों पर लगातार निगरानी रखेंगी। हर सेक्टर के अधिकारी और सेक्टर पुलिस अधिकारी घाटों का पैदल निरीक्षण कर रहे हैं। वहीं, एसडीओ और एसडीपीओ स्तर के अधिकारी संयुक्त रूप से तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि किसी भी प्रकार की तकनीकी या प्रशासनिक कमी छठ के दौरान श्रद्धालुओं को परेशान न करे।
550 घाटों और 108 जलाशयों पर होंगी तैयारियां
पटना जिले में गंगा और उसकी सहायक नदियों के करीब 550 घाट हैं। इसके अलावा नगर निगम क्षेत्र के 45 पार्क और 63 तालाबों में भी छठव्रतियों के लिए पूजा की व्यवस्था की जा रही है। इन स्थानों पर अस्थायी मंच, बैरिकेडिंग, साफ-सफाई और प्रकाश व्यवस्था की जा रही है। प्रत्येक घाट पर डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस भी तैनात की जाएगी ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता मिल सके। नगर निगम ने सफाई व्यवस्था के लिए विशेष वाहन और कर्मियों की अतिरिक्त तैनाती का निर्णय लिया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा सर्वोपरि
प्रशासन का कहना है कि छठ महापर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान भी है। इसलिए इस पर्व में श्रद्धालुओं की सुविधा, सुरक्षा और स्वच्छता सर्वोपरि है। नगर निगम और जिला प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे घाटों पर भीड़ के समय अनुशासन बनाए रखें, प्रशासनिक निर्देशों का पालन करें और किसी प्रकार की अफवाह पर ध्यान न दें। पटना में छठ महापर्व को लेकर प्रशासनिक तैयारी इस बार पहले से अधिक व्यापक और तकनीकी रूप से सशक्त है। 47 हजार लाइटों से जगमगाते घाट, सुरक्षा व्यवस्था, सफाई अभियान और चेतावनी संकेत इस बात का प्रमाण हैं कि प्रशासन श्रद्धालुओं को हरसंभव सुविधा देने के लिए तत्पर है। छठ महापर्व न केवल सूर्य उपासना का पर्व है, बल्कि यह अनुशासन, स्वच्छता और सामूहिक श्रद्धा का प्रतीक भी है। इस बार की तैयारी से उम्मीद की जा रही है कि पटना के घाट पहले से कहीं अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और उज्जवल दिखेंगे।


