समस्तीपुर में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में एसिड की बोतल हुई ब्लास्ट, चार मजदूर गंभीर रूप से घायल
समस्तीपुर। समस्तीपुर जिला के पूसा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में सोमवार की सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। नियमित सफाई कार्य के दौरान रखे गए पुराने रसायनों में से एक एसिड की बोतल अचानक फट गई, जिससे चार मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। हादसे के बाद पूरे विश्वविद्यालय परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घायलों को तत्काल पूसा अस्पताल ले जाया गया, जहाँ दो मजदूरों की स्थिति नाजुक बताई जा रही है।
पुराने रसायनों की सफाई के दौरान हुआ धमाका
जानकारी के अनुसार सुबह विश्वविद्यालय परिसर में नियमित सफाई अभियान चल रहा था। इस दौरान सफाईकर्मी एक पुराने कमरे में जमा रखे गए खराब और अनुपयोगी सामानों की सफाई में लगे थे। उसी दौरान एक डब्बे में रखा पुराना एसिड का बोतल अचानक फट गया। धमाका इतना तेज था कि पास खड़े मजदूर संभल भी नहीं पाए और एसिड सीधे उनके शरीर पर जा गिरा। चार मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि आसपास मौजूद लोग सहम गए। सफाईकर्मियों ने तुरंत विश्वविद्यालय प्रशासन को इसकी सूचना दी और स्थानीय कर्मचारियों की मदद से सभी घायलों को पूसा अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि दो घायलों की त्वचा एसिड के संपर्क में आने से गहराई तक झुलस चुकी है और उन्हें विशेष उपचार की जरूरत है।
अस्पताल में भर्ती दो मजदूरों की स्थिति चिंताजनक
पूसा अस्पताल में भर्ती मजदूरों पर डॉक्टरों की टीम लगातार नजर रख रही है। दो मजदूरों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बड़े अस्पताल रेफर किए जाने की संभावना जताई गई है। डॉक्टरों ने बताया कि एसिड के कारण त्वचा की कई परतें झुलस गई हैं, जिसकी वजह से उनका उपचार चुनौतीपूर्ण है। हालांकि मेडिकल टीम राहत और प्राथमिक उपचार में लगी हुई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने की जांच शुरू
हादसे की सूचना मिलते ही विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे मामले का जायजा लिया। प्रशासन ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि एसिड की बोतल काफी पुरानी थी और समय के साथ उसमें रासायनिक अस्थिरता बढ़ गई थी। सफाई के दौरान हलचल होते ही वह ब्लास्ट कर गई। प्रशासन का कहना है कि परिसर में मौजूद पुराने और खतरनाक रसायनों को नष्ट करने की प्रक्रिया पहले से चल रही थी, लेकिन पुराने स्टॉक की अधिकता के कारण यह घटना संभवतः नजरअंदाज रह गई।
पुराने रसायनों का सुरक्षित प्रबंधन आवश्यक
रसायन विज्ञान और सुरक्षा विशेषज्ञ इस हादसे को गंभीर मानते हैं। उनका कहना है कि एसिड या अन्य खतरनाक रसायन समय के साथ अस्थिर हो जाते हैं और अगर उन्हें सुरक्षित तरीके से संग्रहित या नष्ट नहीं किया जाए, तो किसी भी समय भारी नुकसान हो सकता है। कई रसायन तापमान, हवा या साधारण हलचल से भी प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे धमाका होने की संभावना रहती है। पूसा विश्वविद्यालय में हुए हादसे ने इस बात को उजागर किया है कि सभी शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों में रसायनों के सुरक्षित प्रबंधन के लिए स्पष्ट और सख्त व्यवस्था जरूरी है।
केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास
डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय देश के प्रमुख कृषि शोध संस्थानों में से एक है। 7 अक्टूबर 2016 को इसे राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय से अपग्रेड कर केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। इससे पहले 1970 में यह बिहार सरकार द्वारा कृषि शिक्षा और अनुसंधान के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। पूसा क्षेत्र कृषि अनुसंधान का ऐतिहासिक केंद्र माना जाता है। वर्ष 1905 में ब्रिटिश सरकार ने यहाँ ‘इंफीरियर इंस्टिट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च एंड कॉलेज’ की स्थापना की थी, जिसे बाद में देशभर में पूसा कृषि विश्वविद्यालय के रूप में ख्याति मिली। आज भी यह विश्वविद्यालय कृषि विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शोध और नवीन तकनीकों के विकास में अग्रणी है।
हादसे ने खड़े किए सुरक्षा मानकों पर सवाल
चार मजदूरों की गंभीर हालत और एसिड ब्लास्ट की घटना ने विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिसर में खतरनाक रसायनों का उचित रिकॉर्ड, सुरक्षित संग्रहण और समय-समय पर निरीक्षण अनिवार्य है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि रसायनों की समय रहते जांच और उचित निस्तारण किया जाता तो शायद यह हादसा टाला जा सकता था। समस्तीपुर के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में हुए हादसे ने सुरक्षा प्रबंधन की खामियों को उजागर कर दिया है। वर्तमान में घायलों का इलाज जारी है और प्रशासन हादसे की गहराई से जांच कर रहा है। यह घटना भविष्य के लिए एक चेतावनी है कि रसायनों के प्रबंधन और सुरक्षा प्रोटोकॉल में लापरवाही किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं हो सकती। उम्मीद है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अब सुरक्षा मानकों को और मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाएगा, ताकि ऐसे हादसे पुनः न हों।


