November 12, 2025

दरभंगा के बाल सुधार गृह से 12 बच्चे फरार, पुलिस ने पांच को पकड़ा, अन्य की तलाश जारी

दरभंगा। बिहार के दरभंगा जिले से मंगलवार देर रात एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। लहेरियासराय स्थित बाल सुधार गृह से 12 बाल कैदी दीवार फांदकर फरार हो गए। घटना के बाद पूरे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पांच बच्चों को पकड़ लिया है, जबकि बाकी सात बच्चों की तलाश अभी भी जारी है।
गार्ड पर हमला कर दीवार फांद भागे बाल कैदी
जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात करीब 11 बजे बाल सुधार गृह में अचानक अफरा-तफरी मच गई। बताया जा रहा है कि कुछ बाल कैदियों ने योजना बनाकर पहले ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा गार्डों पर हमला कर दिया। उनके हाथ में ईंट, पत्थर और डंडे थे, जिससे गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले के बाद बाल कैदियों ने मौके का फायदा उठाते हुए पीछे की दीवार फांद ली और एक-एक कर बाहर निकल गए। बाहर खड़े कुछ लोगों ने इस पूरी घटना का वीडियो अपने मोबाइल में कैद कर लिया, जिसमें बच्चे दीवार फांदते हुए साफ नजर आ रहे हैं।
रात में मचा हड़कंप, अफसर मौके पर पहुंचे
जैसे ही बाल सुधार गृह से बच्चों के फरार होने की खबर प्रशासन तक पहुंची, जिला पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। देर रात ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जगुनाथ रेड्डी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। पुलिस ने तत्काल पूरे इलाके में नाकेबंदी कर दी और संभावित ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। दरभंगा शहर से लेकर आसपास के गांवों तक पुलिस की टीमें सर्च अभियान में जुटी हुई हैं। एसएसपी जगुनाथ रेड्डी ने बताया कि “बाल सुधार गृह से कुल 12 बच्चे फरार हुए थे। पुलिस ने अब तक पांच बच्चों को पकड़कर सुधार गृह में वापस भेज दिया है। बाकी सात की तलाश जारी है। सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया है और हर संदिग्ध स्थान पर नजर रखी जा रही है।”
सीसीटीवी और मोबाइल वीडियो से मिल रहे सुराग
घटना के बाद पुलिस ने बाल सुधार गृह और आसपास के क्षेत्रों में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि बच्चों ने घटना को पहले से योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया। वीडियो में दिख रहा है कि बच्चों ने गार्ड पर हमला करने के बाद एक विशेष हिस्से से दीवार फांदी, जहां सुरक्षा व्यवस्था कमजोर थी। पुलिस को शक है कि इस पूरी योजना में सुधार गृह के अंदर के कुछ लोगों की भूमिका भी हो सकती है। इस बिंदु पर भी जांच की जा रही है।
सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
घटना के बाद बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस संस्थान की सुरक्षा लंबे समय से कमजोर बताई जा रही थी। कई बार अंदर से अनुशासनहीनता, कर्मियों की लापरवाही और बच्चों के बीच मारपीट की शिकायतें आती रही हैं। कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों की संख्या आवश्यकता से कम है और रात्रि ड्यूटी के दौरान गश्त का ठीक से पालन नहीं किया जाता। प्रशासन ने अब इन सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है।
पूर्व में भी हो चुकी हैं घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब दरभंगा के बाल सुधार गृह से बच्चे फरार हुए हैं। इससे पहले भी कुछ छोटे स्तर की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि, इस बार एक साथ 12 बच्चों के भागने की घटना ने पूरे प्रशासनिक सिस्टम को हिला दिया है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य में सुधार गृहों की दशा पर ध्यान देने की जरूरत है। यहां बच्चों को सुधारने के बजाय अक्सर सजा जैसे हालात में रखा जाता है, जिससे उनमें असंतोष बढ़ता है।
पुलिस का व्यापक सर्च ऑपरेशन
फरार बच्चों की तलाश में पुलिस ने जिले के कई हिस्सों में नाकेबंदी कर दी है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, हाइवे और ग्रामीण इलाकों में पुलिस की टीमें गश्त कर रही हैं। कुछ स्थानों पर स्थानीय लोगों की मदद से पोस्टर भी लगाए जा रहे हैं ताकि किसी को भी इन बच्चों की जानकारी मिले तो तुरंत सूचना दी जा सके। पुलिस ने आसपास के जिलों की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया है, क्योंकि संभावना जताई जा रही है कि कुछ बच्चे शहर छोड़ चुके हैं।
प्रशासन ने दिए सुधार के निर्देश
घटना के बाद जिला प्रशासन ने बाल सुधार गृह की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। सभी गार्डों को फिर से तैनाती के निर्देश दिए गए हैं और निगरानी बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कर्मियों की मांग की गई है। प्रशासन ने कहा है कि सुधार गृह की दीवारों की ऊंचाई बढ़ाने, सीसीटीवी कैमरे अपग्रेड करने और गार्डों की संख्या बढ़ाने की दिशा में जल्द कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों में दहशत, लेकिन उम्मीद भी
बाल कैदियों के फरार होने के बाद लहेरियासराय और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। लोग रात में बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि, पुलिस का कहना है कि सभी बच्चे नाबालिग हैं और उनके पास कोई हथियार नहीं है। इसलिए डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना जरूरी है। दरभंगा के बाल सुधार गृह से 12 बच्चों के फरार होने की यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सुधार गृहों में सुधार की आवश्यकता कितनी गंभीर है। प्रशासन और पुलिस की सक्रियता से अब तक पांच बच्चों को पकड़ा जा चुका है, जबकि बाकी की तलाश जारी है। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि क्या सुधार गृह वाकई बच्चों के “सुधार” का केंद्र बन पाए हैं या वे केवल नजरबंदी का दूसरा नाम बनकर रह गए हैं। आने वाले दिनों में इस पूरे प्रकरण की जांच से यह तय होगा कि जिम्मेदारी किसकी है और क्या राज्य सरकार इस दिशा में ठोस सुधारात्मक कदम उठाएगी।

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