खबरें फतुहा की : सड़क व नाले जर्जर, आंगनबाड़ी सेविकाओं का धरना-प्रदर्शन, युवक का शव बरामद, छात्र नेता गिरफ्तार

सड़क व नाले मात्र डेढ साल में हुए जर्जर, हो सकता है हादसा
फतुहा। रेलवे कॉलोनी से कॉलेज होते हुए स्टेट हाइवे तक बनी सड़क व नाले मात्र डेढ साल में ही जर्जर होने लगे। सड़क की हाल यह है कि सड़क पर ढलाई के समय बिछायी गयी गिट्टी दिखाई देने लगे और जहां-तहां उखड़ने लगे, वहीं नाले के चैंबर के ढक्कन पुरी तरह से टूट गये। इस रास्ते प्रतिदिन सैकड़ों साईकिल व बाइक सवार स्टेशन आते-जाते हैं। इस स्थिति में कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
वार्ड 25 के पार्षद संजय कुमार व वार्ड 26 के पार्षद वीणा देवी ने सड़क व नाले के निर्माण में घोर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। दोनों वार्ड पार्षद की माने तो इस संदर्भ में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत पत्र भेजकर इसकी जांच करवाए जाने की मांग की गई लेकिन आज तक कोई सुध नहीं ली गयी। विदित हो कि यह सड़क व नाला 76 लाख रुपए की लागत से बनायी गयी थी तथा इस सड़क का निर्माण बुडको द्वारा कराया गया था। वहीं सिटी मैनेजर साकेश कुमार सिन्हा ने बताया कि विभागीय कार्रवाई किए जाने की नगर परिषद द्वारा अनुशंसा की गई है।

मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं-सहायिकाओं ने किया धरना-प्रदर्शन
फतुहा। सोमवार को पटना के फतुहा प्रखंड परिसर स्थित बाल विकास परियोजना कार्यालय में 15 सूत्री मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविकाओं व सहायिकाओं ने धरना-प्रदर्शन किया तथा सरकार विरोधी नारे लगाए। धरना-प्रदर्शन बिहार राज्य आंगनबाड़ी संघर्ष समिति के बैनर तले आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के प्रखंड अध्यक्ष चन्द्रावती देवी के नेतृत्व में किया गया। सेविकाओं ने काली पट्टी लगा सरकारी कार्य का विरोध भी किया।
सेविकाएं व सहायिका सरकार से सरकारी कर्मचारी की दर्जा देने, दर्जा दिए जाने तक सेविका को 24 हजार रुपए तथा सहायिका को 18 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देने की मांग कर रही हैं, साथ ही गोवा व तेलंगाना राज्य की तरह सेविका को सात हजार रुपये तथा सहायिका को साढ़े चार हजार रुपए प्रोत्साहन राशि की भी मांग कर रही है। सेवा कार्यकाल को चार घंटे तक सीमित करने की भी मांग कर रही है। कर्मचारी यूनियन के प्रखंड अध्यक्ष चन्द्रावती देवी ने बताया कि सरकार जब तक उनकी मांगे स्वीकार नहीं करती है तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। सेविकाओं ने इस संदर्भ में सीडीपीओ को एक ज्ञापन भी सौंपा है। इस मौके पर प्रखंड के दर्जनों सेविका व सहायिका मौजूद थे।
शराब की 60 टेट्रा पैक बरामद
फतुहा। सोमवार को नदी थाना पुलिस ने कृपाल टोला में झाड़ी में छिपाकर रखी गई विदेशी शराब की 60 टेट्रा पैक बरामद किया है। पुलिस ने यह बरामदगी गुप्त सूचना के आधार पर की है। इस बात की जानकारी देते हुए नदी थाना एसएचओ धर्मेंद्र प्रसाद ने बताया कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि कृपाल टोला में एक मकान के पास घनी झाड़ी में शराब छिपाकर रखी गई है। उनके मुताबिक धंधबाज का पता लगाया जा रहा है। वैसे जब्त शराब की अनुमानित कीमत 12 हजार रुपए बतायी जाती है
एमएलसी प्रत्याशी लल्लू मुखिया ने किया दौरा
फतुहा। रविवार को पटना जिले के एमएलसी प्रत्याशी लल्लू मुखिया प्रखंड के ग्रामीण क्षेत्र का दौरा किया तथा मोहिउद्दीनपुर गांव पहुंचे। जहां वार्ड प्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने ग्रामीणों से मिल उनके मूलभूत समस्याओं को जाना तथा समस्याओं को निराकरण करवाने का आश्वासन दिया। इस मौके पर मोहिउद्दीनपुर पंचायत के पूर्व मुखिया दीलिप कुमार, पंचायत समिति सदस्य जयराम पासवान, समाजसेवी धर्मवीर गोप, रणविजय पासवान समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।
30 वर्षीय युवक का शव बरामद, पहचान कराने में जुटी पुलिस
फतुहा। रविवार सुबह जनार्दनपुर गांव के सामने फतुहा-इस्लामपुर रेलखंड के किनारे पुलिस ने एक 30 वर्षीय युवक की शव बरामद किया है। युवक के पास से ऐसी कोई वस्तु नहीं मिली जिससे उसकी पहचान की जा सके। शव को देखने से ऐसा प्रतीत होता है कि मृतक किसी संभ्रांत परिवार का है। शरीर पर कटे-फटे का निशान बहुत कम है। जिस तरह से शव की बरामदगी हुई है, उससे ट्रेन से गिरने की संभावना कम प्रतीत होती है। हालांकि फतुहा थाना पुलिस इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बता पा रही है लेकिन संभावना जताई जा रही है कि अपराधियों ने अन्यत्र हत्या कर शव को ट्रेन से हादसे का रुप देने की कोशिश की है। फिलवक्त पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए पटना भेज दिया है और उसकी पहचान कराने में जुटी है।
एनटीपीसी आंदोलन : छात्र नेता गिरफ्तार, मिली जमानत
फतुहा। बीते 25 जनवरी को रेलवे स्टेशन पर हुई एनटीपीसी छात्र आंदोलन मामले में छात्र नेता निशांत यादव को आरपीएफ ने गिरफ्तार कर पटना आरपीएफ को सुपुर्द कर दिया गया। पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ के उपाध्यक्ष निशांत यादव को उनके घर मकसुदपुर से सम्मन देकर बुलाया गया था। बाद में न्यायालय द्वारा उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। जमानत पर रिहा होते ही उन्होंने दूरभाष पर बताया कि आंदोलन को लेकर केन्द्र व राज्य सरकार के द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि छात्रों के विरुद्ध कोई कारवाई नहीं की जाएगी लेकिन यह आश्वासन कोरा साबित हुआ।