गायघाट रिमांड होम मामला : पटना हाईकोर्ट ने कहा- महिला डीएसपी करेंगी केस की जांच

पटना। पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पटना के गायघाट रिमांड होम मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने केस का अनुसंधान डीएसपी रैंक की महिला पुलिस अधिकारी से करवाने को कहा है। कोर्ट ने जांच रिपोर्ट भी तलब की है। कोर्ट का यह भी कहना था कि बिहार स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी यदि जरूरत हो तो जो मदद हो सके पीड़िता को उपलब्ध कराए। कोर्ट ने राज्य के समाज कल्याण विभाग समेत सभी संबंधित विभागों को अपने-अपने हलफनामों को रिकॉर्ड पर लाने को भी कहा है। इसमें पीड़िता द्वारा 4 फरवरी का बयान भी शामिल किया जाए।
दोनों पीड़िता ने दर्ज करायी एफआइआर
राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने बताया कि दोनों पीड़िता की ओर से महिला थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है। एक का पीएस केस नंबर-13/2022 है और दूसरे का पीएस केस नंबर-17/ 2022 दर्ज कर लिया गया है। पीड़िता की संबंधित अधिकारियों के समक्ष जांच भी की गई। महाधिवक्ता ने पीड़िता द्वारा दिए गए बयान के उद्देश्य पर संदेह भी जताया है। उनका कहना था कि पीड़िता ने केअर होम को वर्ष 2021 के अगस्त महीने में ही छोड़ दिया था, लेकिन वह पहली बार जनवरी, 2022 में आरोप लगा रही है।
मंच द्वारा दायर याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार
पीड़िता की अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया कि कोर्ट ने महिला विकास मंच द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका को भी सुनवाई हेतु स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने इस याचिका को पटना हाईकोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया है। कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन हैं, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य हैं। कमेटी ने उक्त मामले में 31 जनवरी को अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। केअर होम में 260 से भी ज्यादा महिलाएं वास करती हैं।
