ब्रह्मेश्वर मुखिया गवाह गोलीकांड मामले में नया मोड़ : मामा-भाई ने कहा- ओम नारायण झूठ और फ्रॉड का साक्षात जाली फार्म, निष्पक्ष जांच की मांग

पटना। दानापुर के शाहपुर में बीते दिन ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड के गवाह ओम नारायण राय पर गोली चलाए जाने के मामले में उस वक्त नया मोड़ आ गया, जब इस मामले में ओम नारायण के सगे संबंधियों ने ही उस पर कई गंभीर आरोप लगाए। स्वयं पर धर्मेंद्र द्वारा गोली चलाए जाने का केस करने वाले ओम नारायण पर चचेरे भाई गजाधर नाथ राय ने तथ्यों सहित गंभीर आरोप लगाते हुए दानापुर अनुमंडल पुलिस अधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग की।

दानापुर पुलिस को दिए अपने आवेदन को मीडिया के समक्ष जारी करते हुए गजाधर नाथ राय ने आरोप लगाया है कि ओम नारायण राय आदतन जालसाज व्यक्ति है। ओम नारायण के अपहरण का एक केस आरा में पूर्व में इसकी पत्नी के द्वारा करवाया गया था, लेकिन पुलिसिया छानबीन करने के बाद पता चला कि ओम नारायण राय ने स्वयं अपनी पत्नी से जानबूझकर अपहरण का झूठा केस करवाया गया था। मैं स्वयं इस केस में गवाह था। यहीं नहीं, जब पुलिस द्वारा इस मामले में ओम नारायण पर कार्रवाई होने की नौबत आई तो मैंने और घर के अन्य बड़े बुजुर्गों ने पुलिस से प्रार्थना की कि इस बार इसकी मासूमियत को ध्यान में रखकर छोड़ दिया जाए और भविष्य में यह कभी भी ऐसे धोखाधड़ी का काम नहीं करेगा। इस आधार पर आश्वस्त होने पर पुलिस ने ओम नारायण राय पर कोई कारवाई किए बिना उसे छोड़ दिया था। गजाधर नाथ ने कहा कि ओम नारायण ने व्यवसाय के नाम पर पूर्व एमएलसी एवं लोजपा नेता हुलास पांडेय से दो लाख रुपया लिया था और पैसा का गबन करना चाहता है। समाज के प्रतिष्ठित लोगों से पैसा लेकर गबन करना उसका आदत है, इसीलिए उसने धर्मेंद्र पर गोली चलाने का झूठा आरोप लगाया है।
वहीं मामा गुप्तेश्वर राय और दूसरे चचेरे भाई उपेंद्र राय ने भी ओम नारायण के चरित्र को लेकर कहा है कि वह झूठ और फ्रॉड का साक्षात जाली फार्म है। राजनीतिक साजिश कर हुलास पांडेय के चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है।
रिश्ते में ओम नारायण राय के भाई और सहार के प्रखंड प्रमुख अनिल राय ने कहा ओम नारायण राय की मानसिकता गंदी हो गई है। इसको मोहरा बनाया जा रहा है। यह किसी के दबाव में है। वास्तविकता यह है कि ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड में यह गवाह है ही नहीं। इसने स्वयं को 4 साल बाद गवाह के रूप में प्रस्तुत किया है जबकि घटना के दिन यह पटना में था।