December 8, 2025

देख लीजिए मंत्री जी स्वास्थ्य का हाल : विभाग के नजर में है स्वास्थ्य केंद्र संचालित, लेकिन चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं

फतुहा (संजय भूषण)। गोरी पुंदाह पंचायत के बलवा गांव स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र वर्षों से भूत बंगला बन बंद पड़ा है। भवन जीर्ण-शीर्ण हो चुका है। फर्श उखड़ा हुआ है। केन्द्र के अंदर जंगल ही जंगल दिखाई दे रही है। कई दरवाजे भी उखड़े पड़े हैं। जंगली जीव जंतुओं का बसेरा बना हुआ है। उप स्वास्थ्य केंद्र के बाहर भी वर्षों से साफ सफाई नहीं होने के कारण झारियों व गंदगी से घिरा पड़ा है। जबकि फतुहा सीएचसी के इस उप स्वास्थ्य केन्द्र को सालों पहले स्वास्थ्य विभाग ने दो पंचायत के आठ गांवों के ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच के लिए बनाया था।
ग्रामीणों के मुताबिक यह स्वास्थ्य केंद्र सालों से बंद पड़ा है तथा यहां कोई कर्मी भी नहीं आता है। जबकि स्वास्थ्य विभाग के नजर में आज भी संचालित है। इस बात का खुलासा लोक सूचना अधिकार के तहत मांगी गई रिपोर्ट से हुई है। ग्रामीणों की माने तो निर्माण के कुछ सालों के बाद से ही बंद पड़ा है तथा इसे देखने वाला कोई नहीं है। दो साल पहले एक ग्रामीण चंद्रमणि प्रसाद के द्वारा मांगे गए आरटीआई के तहत रिपोर्ट में बताया गया है कि इस उप स्वास्थ्य केंद्र में किसी चिकित्सक के प्रतिनियुक्ति का विभाग के द्वारा कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन इस केन्द्र को संचालित करने के लिए दो एएनएम प्रतिनियुक्त हैं। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इस उप स्वास्थ्य केन्द्र द्वारा साफ-सफाई के मद में पिछले दस वर्षो के अंदर प्रतिनियुक्त एएनएम के द्वारा 45 हजार रुपए भी खर्च किए गए हैं। ग्रामीणों की माने तो आज भी दो पंचायत के लोग बिमारी के अवस्था में सात से आठ किलोमीटर की दूरी तय कर सीएचसी मुख्यालय या शहर के निजी अस्पताल में जाने को मजबूर हैं।
जब इस संदर्भ में सीएचसी प्रभारी डॉ. सुधा शंकर राय से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि वहां उप स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिनियुक्त दोनों एएनएम को कोरोना संकट काल में तथा टीकाकरण के लिए उपर के आदेश पर सीएचसी मुख्यालय में पिछले दो साल से ड्यूटी लगायी गयी है। उन्होंने बताया कि सीएचसी के संचालन में अलग से किसी एएनएम की प्रतिनियुक्ति नहीं है। उनके मुताबिक दोनों एएनएम टीकाकरण के कार्य से आज भी जुड़ी है।

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