बिहार पुलिस के अधिकारियों व जवानों को इलाज-पढ़ाई और बेटी की शादी पर आसानी से मिलेगा लोन, ये है प्रक्रिया
पटना। बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के अधिकारियों से लेकर जवानों तक को इलाज और बच्चों की पढ़ाई में अब पैसा बाधक नहीं रहेगा। इसके लिए जरूरत होने पर उन्हें ऋण मिल सकेगा। यह ऋण बैंक या सरकार से नहीं बल्कि उनके द्वारा जमा किए जानेवाले मामूली राशि से ही दिया जाएगा। अधिकतम एक लाख रुपए तक का ऋण कम ब्याज पर उपलब्ध कराने को लेकर सशस्त्र पुलिस मुख्यालय द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। कौन अधिकारी कितने तक का ऋण स्वीकृत कर सकते हैं और इसके लिए कौन से कागजात जरूरी होंगे, इसकी एक निर्धारित प्रक्रिया भी तय कर दी गई है।
तीन परिस्थितियों में ऋण देने की व्यवस्था
बीएसएपी के अधिकारियों और जवानों को तीन परिस्थितियों में ऋण देने की व्यवस्था की गई है। स्वयं, पत्नी या आश्रित बच्चों के बीमार होने की सूरत में इलाज के लिए वह ऋण ले सकते हैं। चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर इसकी स्वीकृति दी जाएगी। वहीं उच्च शिक्षा के लिए भी ऋण का प्रावधान किया गया है। बल के किसी कर्मी के पुत्र या पुत्री की मेडिकल या इंजीनियरिंग में नामांकन कराना है तो उसके लिए ऋण मिलेगा। बशर्ते उन्हें नामांकन का प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना होगा। इसके अलावा पुत्री की शादी के लिए भी ऋण की व्यवस्था की गई है। यदि आवेदक पुत्री की शादी के लिए ऋण लेना चाहते हैं तो उन्हें बेटी का जन्म प्रमाण पत्र के साथ कुछ अन्य शर्तों को पूरा करना होगा।
वाहिनी कल्याण कोष से मिलेगा ऋण
बीएसएपी के पुलिसकर्मियों को एक लाख तक का अधिकतम ऋण वाहिनी कल्याण कोष (गैर सरकारी मद) से मिलेगा। कल्याण कोष के लिए बीएसएपी के अधिकारी और जवानों के वेतन से हर महीने एक छोटी राशि काटी जाती है। इससे जमा हुए पैसों से ही ऋण दिया जाता है। पहले भी ऋण देने की व्यवस्था थी पर इसमें अधिक से अधिक 30 हजार तक की राशि दी जाती थी। सशस्त्र पुलिस मुख्यालय द्वारा पिछले दिनों इसकी समीक्षा की गई और ऋण की सीमा को बढ़ाकर एक लाख तक करने का निर्णय लिया गया।
कमांडेंट 20 तो आईजी 40 हजार तक की देंगे इजाजत
नई व्यवस्था के तहत ऋण की स्वीकृति का आदेश चार स्तर पर जारी किया जा सकता है। वाहिनी के कमांडेंट 20 जबकि बीएसएपी के डीआईजी 30 हजार तक की ऋण की स्वीकृति अपने स्तर से दे सकते हैं। वहीं आईजी बीएमपी को 40 हजार तक की स्वीकृति का अधिकार दिया गया है। इसके उपर का ऋण बीएसएपी के एडीजी या डीजी द्वारा स्वीकृति की जाएगी। डीजी बीएसएपी आलोक राज के अनुसार वाहिनी कल्याण कोष की राशि का समुचित उपयोग हो और जिसे वाकई इसकी जरूरत है उन्हें समय पर मिल सके इसके लिए नई व्यवस्था की गई है।


