राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा (ट्रस्ट) परशुराम सेवा संस्थान ने जीतनराम मांझी के खिलाफ दर्ज कराया FIR, ब्राह्मणों पर अपमानजनक बयान को लेकर की कारवाई
पटना। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के द्वारा ब्राह्मणों पर अपमानजनक टिप्पणी गाली-गलौज जैसे शब्द का प्रयोग करने को लेकर ब्राह्मण संगठन ने अपनी आपत्ति प्रकट की थी लेकिन अब यह मामला थाना जा पहुंचा है। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा (ट्रस्ट) परशुराम सेवा संस्थान के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार ने जीतन राम मांझी के ब्राह्मणों एवं हिंदू धर्म के प्रति अपमानजनक शब्द गाली गलौज को लेकर कोतवाली थाना में FIR दर्ज कराया है।

संगठन के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी ने कोतवाली थाना में किया FIR
रजनीश तिवारी ने FIR में लिखा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के बयान से जनता मे और खासकर ब्राह्मण समुदाय में काफी आक्रोश है और इस आक्रोश के मद्देनजर एवं लोगों की प्रतिष्ठा को देखते हुए, जिससे लोगों में मानसिक तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गया है, पूर्व मुख्यमंत्री का इरादा पूरी तरीके से इस बयान को लेकर राजनीतिक था, वह एक बड़ी शख्सियत है और मुख्यमंत्री का संरक्षण प्राप्त है इसलिए कानून का मजाक उड़ा रहे हैं। लोगों की आस्था पर चोट कर रहे हो भीड़ को किसी जाति व धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने का काम कर रहे हैं। वही इसके साथ साथ भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत लोगों को बोलने की एवं अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है लेकिन इसके साथ कुछ प्रतिबंध भी जिसको सभी नागरिकों को फॉलो करने होते हैं, अनुच्छेद 19 प्रतिबंध के ब्रॉड जाकर उन्होंने गाली-गलौज हिंसात्मक टिप्पणी दी है, जिससे सामाजिक माहौल बिगड़ने का प्रयास किया गया पूरा का पूरा एक समाज और धर्म के लोग आहत एवं जीतन राम मांझी पर उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री के बयान के बाद जनता के आक्रोश के मद्देनजर उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है धारा 153 ए एवं 295 ए के तहत रजनीश ने FIR स्पीड पोस्ट/ ईमेल के माध्यम से कोतवाली थाना पटना को भेजा है, जिसकी प्रतिलिपि एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर, मुख्यमंत्री सचिवालय, वरीय पुलिस अधीक्षक पटना, को उचित कार्रवाई हेतु भेजी गई है। रजनीश ने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि इस वीडियो के इतने वायरल होने के बाद भी प्रशासन द्वारा स्वता कोई कदम नहीं उठा गया बड़े राजनीतिक रसूखदार व्यक्ति होने के कारण उन पर स्वत संज्ञान नहीं ली गई है, उन्होंने कई आला अधिकारी को फोन लगाया लेकिन किसी ने फोन नहीं रिसीव किया है जिसको लेकर उन्हें मजबूरन थाने में FIR देनी पड़ी है।
जीतन राम मांझी अपने बयान के माध्यम कम्युनल वायलेंस तो कर ही रहे और उनके सम्मेलन में हजारों की तादाद में लोग ताली बजा रहे थे, जिससे यह पता चलता है कि वह इरादतन यह बयान राजनीतिक स्वार्थ के लिए जानबूझकर देने का काम किया है, और लोगों को हिंसात्मक माहौल में डालने का प्रयास कर रहे हैं। लोग उनके बातों पर ताली बजाकर उनकी बातों पर सहमति जता रहे हंसकर उनका अभिवादन कर रहे हैं इससे पता चलता है कि इतने बड़े नेता कानून और संविधान से ऊपर उठ किसी जाति धर्म विशेष के लोगों को आहत पहुंचा कर अपना सियासी रोटी सेक रहे है।

