शशिकला हत्‍याकांड की हो सीबीआई जांच : अनिल कुमार

पटना। जनतांत्रिक विकास पार्टी द्वारा कैमूर के रामगढ़ की दलित परिवार की बेटी शशिकला कुमारी को न्‍याय दिलाने के लिए आज पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अनिल कुमार के नेतृत्‍व में पटना स्थित धरना स्‍थल गर्दनीबाग में एक दिवसीय धरना दिया गया। इस दौरान जनतांत्रिक विकास पार्टी ने शशिकला हत्‍याकांड की सीबीआई से जांच की मांग की और इस घटना में पीडि़त परिजनों को 25 लाख रूपए मुआवजे की मांग की।

धरना को संबोधित करते हुए अनिल कुमार ने कहा कि बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की हालत क्‍या है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पुलिस अपराधियों के बदले पीडि़तों को डराती – धमकाती है और हत्‍या को अत्‍महत्‍या का मामला बता कर अपराधियों को बचाती है। कुमार ने कहा कि गया के मानपुर के बाद यही देखने को मिला कैमूर के रामगढ़ स्थित बड़ौरा गांव के परमात्मा राम की बेटी शशिकला कुमारी के साथ। महज चार हजार रूपये के लिए एक दलित बेटी की हत्‍या कर दी गई और प्रशासन उसे आत्‍महत्‍या साबित करने में तुली है। लेकिन जनतांत्रिक विकास पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है और मांग करती है कि शशिकला के हत्‍यारे की अविलंब गिरफ्तारी हो। इसके अलावा हम इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करते हैं। हमें लगता है कि कैमूर के तत्‍कालीन एसपी समेत डीएसपी और स्‍थानीय प्रशासन इस मामले में जांच को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए उनके निलंबन की भी मांग करते हैं। साथ ही हम शशिकला के परिजनों को 25 लाख का मुआवजा, आश्रितों को नौकरी और इस मामले में पुलिस द्वारा झूठे मुकदमे में फंसा कर गिरफ्तार किये गए लोगों की रिहाई की मांग करते हैं। उन्‍होंने कहा कि शशिकला कुमारी हत्‍याकांड में नीतीश कुमार की पुलिस का रवैया भी निराशाजनक है। पुलिस इस हत्‍याकांड के मुख्‍य आरोपी मनोज सिंह को बचाने के लिए सत्ताधारी दल के नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। कुमार ने कहा कि बड़ौरा हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी मनोज सिंह ग्राहक सेवा केंद्र चलाता है, जहां शशिकला कुमारी का भी अकाउंट है। 3 जनवरी को शशिकला कुमारी के पिता ने 4000 हजार रूपये भेजे थे, जिसकी निकासी गलत तरीके से मनोज सिंह ने की और उसे गलत जानकारी दी। जब मनोज ने पैसे देने से मना कर दिये, तब लड़की ने हिम्‍मत दिखाते हुए थाने में एफआईआर दर्ज कराई। बाद में मनोज ने बड़ी चालाकी से थाने में लड़की के साथ केस मैनज कर लिया और लड़की को थाने ले जाकर केस वापस करवा लिया। इसके बाद लड़की की लाश रेलवे ट्रेक से मिली, जिसे आनन फानन में एसपी द्वारा आत्‍महत्‍या बता करा मामले को रफा दफा करने की कोशिश लगातार की जा रही है। लेकिन हम जानना चाहते हैं कि ऐसी कौन सी वजह थी कि केस वापस लेने के बाद महज 25 मिनट में शशिकला की लाश रेलवे ट्रेक पर मिली? उन्‍होंने इस मामले में प्रशासन की भूमिका को संदिग्‍ध बताया और कहा कि वे सत्ताधारी रसूख वालों के इशारे पर काम कर रही है और पीडित के परिजनों को प्रताडि़त भी कर रही है। उन्‍होंने कहा कि लड़की की लाश रख ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ असामाजिक तत्‍वों ने थाने में आग लगा दी, जिसको पुलिस ने पीडि़त परिजनों से जोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने लड़की के चाचा देव राम, विनोद राम और शमीम अख्‍तर को गिरफ्तार कर लापता कर दिया है। वहीं, लड़की के पिता को इतना मारा है कि वो चलने में असहाय है। पुलिस इस मामले को आत्‍महत्‍या का मामला बता पल्‍ला झाड़ने की लगातार प्रयास कर रही है और इसके लिए उस परिवार पर दवाब भी बना रही है। हद तो तब हो गई, जब हम पीडि़त परिजनों से मिलकर उस गांव से वापस आ रहे थे। पुलिस ने हमें रोका और कहा कि धारा 144 के कारण हमारी गिरफ्तरी हो गई है। जबकि हकीकत में वहां धारा 144 लगा ही नहीं है। उन्‍होंने कहा कि इस घटना से नीतीश कुमार की पुलिस बेनकाब हो गई और उनका दलित प्रेम भी उजागर हो गया है। इसलिए हम पूछना चाहते हैं कि क्या सिर्फ नारों से बेटी बचेगी या बेटी पढ़ पाएगी? क्या डबल इंजन की सरकार में बेटियों को खास कर दलित व पिछड़े वर्ग से आने वाली बच्चियां बचेंगे? जनतांत्रिक विकास पार्टी बिहार की दलित बेटी शशिकला कुमारी को न्‍याय दिलाकर ही दम लेगी। धरना में प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार मंडल ,प्रदेश महासचिव चक्रवर्ती चौधरी ,रौशन कुमार मंडल (तकनीकी प्रकोष्ठ) अरे बात,प्रदेश महासचिव राजकुमार पूर्वे , वरिष्ठ नेता विजय यादव जी , ज्योति प्रकाश पटेल , संजय प्रधान , अशोक राज, सुबाश चन्द्र गुप्ता समेत सैकड़ों लोग शामिल हुए।

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