December 6, 2025

बिहार में भूमि सर्वेक्षण अभियान में 130 नए अंचल जुड़े, शिविर गठन की प्रक्रिया 18 जून से

पटना। बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान में 130 नए अंचल जुड़ रहे हैं। 90 अंचलों में पहले से सर्वेक्षण चल रहा है। अब सर्वे वाले अंचलों की संख्या 220 हो जाएगी। ये अंचल राज्य के 40 फीसद से अधिक भू भाग में हैं। गुरुवार को नए अंचलों में सर्वे शुरू करने का आदेश दिया। विशेष भूमि सर्वेक्षण वाले 20 जिलों के बंदोबस्त पदाधिकारियों को पत्र भेज दिया गया है। 90 अंचलों में 208 शिविरों का गठन किया जा चुका है। नए जुड़े अंचलों के लिए शिविर गठन की प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो जाएगी।
भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जय सिंह ने बताया कि मानसून के कारण सभी अंचलों और खास कर बाढग्रस्त अंचलों में फिलहाल सर्वेक्षण जारी रखना संभव नहीं है। इसलिए शिविरों में तैनात कर्मियों को कहा गया है कि वे इस अवधि में कागज पर होने वाली कार्रवाई करें। अंचलों में सरकारी भूमि से संबंधित विवरणी को विभिन्न विभागों से प्राप्त कर संग्रहित करें। इस समय 208 शिविरों के 5127 मौजों में सर्वेक्षण हो रहा है। इनमें अधिसंख्य मौजों में हवाई एजेंसी की मदद से किस्तवार का काम किया जा रहा है। खेतों में पानी लग जाने से जमीन पर जाकर काम करना फिलहाल संभव नहीं हो रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक शिविर में 20-25 राजस्व गांवों को रखने की योजना है। गांवों के आकार के मद्देनजर इनकी संख्या घटाने या बढ़ाने की छूट भी बंदोबस्त पदाधिकारियों को दी गई है। शिविरों के गठन में आवागमन की सुविधा एवं शिविर के तहत आने वाले गांवों की सीमा अनिवार्यत: भौगोलिक रूप से आपस में संबद्ध हैं। शिविर भूमि सर्वेक्षण की सबसे प्राथमिक एवं अनिवार्य प्रशासनिक इकाई हैं। सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, कानूनगो, अमीन जैसे सर्वेक्षण कर्मी यहीं कैंप करते हैं।
दो चरणों में होगा काम
राज्य के सभी 38 जिलों में दो चरणों में भूमि सर्वेक्षण की योजना है। पहले चरण के इन 20 जिलों में भूमि सर्वेक्षण हो रहा है। पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, बांका, मधेपुरा, खगड़िया, लखीसराय, बेगूसराय, मुंगेर, सुपौल, सहरसा, शेखपुरा, जमुई, जहानाबाद, अरवल और नालंदा।

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