बिहार में जल्द ही एक टेक्सटाइल और लेदर उद्योग नीति बनाने जा रहे : शाहनवाज
* बिहार में खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाएं विषय पर वेबिनार का आयोजन
* बिहार देश का सबसे पहला राज्य जहां इथेनॉल पॉलिसी बनाई गई

पटना। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पटना स्थित प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी), रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) तथा उद्योग विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त प्रयास से आज “बिहार में कृषि आधारित उद्योग (खाद्य प्रसंस्करण) की संभावनाएं” विषय पर सोमवार को वेबिनार का आयोजन किया गया।
किशनगंज में एक लेदर हब बनाएंगे
वेबिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार के लिए हम जल्द ही एक टेक्सटाइल और लेदर उद्योग नीति बनाने जा रहे हैं। यह नीति बिहार की तस्वीर बदलने वाली होगी। उन्होंने कहा कि बिहार में टेक्सटाइल और लेदर इंडस्ट्री की अपार संभावनाएं हैं। कच्चे लेदर के मामले में किशनगंज का मांझीपाड़ा एक बहुत बड़ा हब है, जहां से कच्चे लेदर को विभिन्न राज्यों व विदेशों में निर्यात किया जाता है। हमारी योजना है कि हम आने वाले दिनों में किशनगंज में एक लेदर हब बनाएंगे और मुजफ्फरपुर में लेदर प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण करेंगे।
इथेनॉल इंडस्ट्री से बिहार की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
उन्होंने कहा कि बिहार देश का सबसे पहला राज्य है जहां इथेनॉल पॉलिसी बनाई गई है। इथेनॉल निर्माण के क्षेत्र में बिहार में अपार संभावनाएं हैं। इथेनॉल इंडस्ट्री के लगने से बिहार की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और किसानों को लाभ मिलेगा। इथेनॉल प्लांट लगने के बाद किसानों को खराब हुए अनाजों की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी। उद्योग विभाग अच्छे अनाज की समान दर पर ही खराब अनाजों की खरीद करेगा। उद्योग विभाग उन अनाजों का इस्तेमाल इथेनॉल प्लांट में ईंधन निर्माण के लिए करेगा। इथेनॉल ईंधन पेट्रोल-डीजल के मुकाबले काफी सस्ता होगा। उन्होंने कहा कि जो भी कंपनियां इथेनॉल निर्माण के लिए आवेदन करेंगी, उन्हें 7 दिनों के अंदर ही जमीन उपलब्ध करा दिया जाएगा।
उद्योग लगाने को 6199 करोड़ के प्रस्ताव आए
उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स हमारे लिए देवता के समान और और उनका उसी रूप में स्वागत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जेएसडब्ल्यू, माइक्रोमैक्स, इंडियन स्मार्ट सरीखे बहुत सारी कंपनियां इथेनॉल निर्माण के क्षेत्र में बिहार में अपना प्लांट लगाने के लिए आ रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग लगाने के लिए अभी तक 6199 करोड़ के प्रस्ताव आए हैं, इसमें से 4616 करोड़ के प्रस्ताव केवल फूड प्रोसेसिंग में आए हैं। यह प्रस्ताव बिहार की तस्वीर बदलने वाली है। उन्होंने कहा कि हमने बेहद मशक्कत और बड़ी कोशिशों के बाद बिहार को 1 मेगा फूड पार्क दिलवाने में कामयाब रहे हैं। मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में बना यह मेगा फूड पार्क पहले केवल 78 एकड़ का था, जिसे हमने 48 एकड़ और जोड़कर कुल 126 एकड़ कर दिया है।
सरकार ने बंद चीनी मिलों के जमीनों को उद्योग विभाग को सौंपा
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में जितनी चीनी मिलें बंद पड़ी हैं, उन जमीनों को बिहार सरकार ने उद्योग विभाग को सौंप दिया है, जिसमें जल्द ही नए इंडस्ट्री लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिसकी वजह से इन्वेस्टर्स को आना चाहिए। अन्य राज्यों के मुकाबले बिहार में जमीन की कीमत बेहद कम है, यहां का विकास दर बहुत ज्यादा है, यहां से विभिन्न राज्यों व पड़ोसी देशों से व्यापार बेहद सुगम है। बिहार का लोकेशन व्यापार के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा है। सड़क, वायु और जल मार्ग के मामले में भी बिहार मुफीद है। यहां इनलैंड कंटेनर डिपो भी बनाया जा रहा है। हम इज आफ डूइंग बिजनेस में अन्य राज्यों से बहुत आगे हैं।
उद्योगपतियों के लिए दरवाजे 24 घंटे खुले
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों के लिए हमारे दरवाजे 24 घंटे खुले हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि फिल्म इंडस्ट्री को बिहार की नकारात्मक छवि नहीं दिखानी चाहिए। बिहार बौद्ध, जैन, सिख जैसे धर्मों का केंद्र रहा है। वह इन्हें दिखाएं और दशार्एं। बिहार की अच्छी बातें लोगों को दिखाना और बताना चाहिए।
वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर काम कर रहे
उन्होंने यह भी कहा कि हम वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के जीआई टैग उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिया जाएगा और उससे संबंधित उद्योगों को आगे लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार में मखाना, मक्का, लीची आदि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में जल्द ही 5 मिनी फूड क्लस्टर पार्क का भी निर्माण किया जाएगा। किशनगंज जिले में चाय और अनानास उत्पादन के लिए प्रोसेसिंग यूनिट की अपार संभावनाएं हैं। यही नहीं समस्तीपुर में हल्दी की खेती बड़े पैमाने पर की जा सकती है। हल्दी की मांग दुनिया भर में बहुत ज्यादा है।

